भोपाल। मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में सरकार की वादाखिलाफी से नराज होकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है, इस योजना का लाभ नियमित कर्मचारियों के अलावा दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित और संविदा कर्मचारियों को भी मिलना था, जब स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई तो इसमें सिर्फ नियमित कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शामिल किया गया. सरकार की वादाखिलाफी से अन्य कर्मचारी वर्ग काफी नाराज है और इसे अफसरशाही करार दे रहे हैं.
स्वास्थ्य बीमा योजना से बाहर करने पर खफा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ
कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में दैनिक वेतन भोगी, कार्यभारित और संविदा कर्मचारियों को शामिल नहीं करने से नाराज मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि देश आजाद हो गया, लेकिन व्यवस्थाएं अंग्रेजों के जमाने की चली आ रही हैं. सबसे बड़ा दुर्भाग्य का विषय ये है कि प्रदेश कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना जो सरकार द्वारा लागू की गई है, इसमें पहले दैनिक वेतन भोगी, संविदा, होमगार्ड सैनिक और नियमित कर्मचारी शामिल थे.
इस योजना में राज्य सरकार का कोई भी रुपया नहीं लगना है क्योंकि कर्मचारियों को अपना अंशदान अपने वेतन में कटौती कराकर देना होता है. उसके बावजूद नौकरशाही के अड़ियल रवैए के चलते इसमें केवल नियमित और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लिया गया है, बाकी सभी कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है, प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ इसका विरोध करता है और आगे आंदोलन की तैयारी कर रहा है.