भोपाल। कुपोषित बच्चों को पर्याप्त पोषण आहार देने के लिए आंगनबाड़ियों में पोषण आहार की व्यवस्था की गई है, लेकिन कोरोना वायरस की के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में आंगनबाड़ियां भी बंद थी. वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डोर टू डोर भ्रमण कर कोविड-19 का सर्वे करने का काम कर रही थी. जिससे बच्चों को दिया जाने वाला पोषण आहार भी उन्हें नहीं मिल पाया. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा बच्चे उठाना पड़ा है.
कोरोना काल में महिला एवं बाल विकास की पोषण आहार देने की योजना इस दौरान विफल हुई है, पर नुकसान की भरपाई करने के लिए विभाग ने अपनी नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन के महिला एवं बाल विकास विभाग,केंद्र सरकार की पोषण माह योजना के जरिए इन महीनों में हुए नुकसान की भरपाई करने में जुटा हुआ है. विभाग की योजना है कि पिछले महीनों में पोषण आहार योजना को लेकर जो भी नुकसान हुआ है. उसे इस माह पूरा किया जाए. राजधानी भोपाल में पूरे सितंबर महीने में पोषण माह मनाया गया. इस दौरान उन क्षेत्रों पर खासा ध्यान दिया गया जहां पर कुपोषित महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है. जिनमें झुग्गी बस्तियां शामिल हैं.
डोर-टू-डोर सर्वे फिर से किया शुरू
कुपोषण को कम करने के लिए क्या प्रयास किए गए इस बारे में एडीएम माया अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के कारण कुछ समय के लिए डोर-टू-डोर सर्वे को बंद कर दिया गया था, पर हमने से अभी फिर से शुरू कर दिया है. इसके तहत कुपोषित बच्चों और महिलाओं का सर्वे किया जा रहा है और उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्हें दूध पिलाने से लेकर सभी जरूरी आहार दिए जा रहे हैं, और साथ ही उन्हें ट्रैक में लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है. उनका कहना है कि ना केवल राजधानी भोपाल बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में ही यह अभियान चलाया गया.