भोपाल।राजधानी में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलेश लुनावत ने चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी कर एक मिसाल पेश की है. ट्रेन में दर्द से कराह रही महिला के लिए डॉ. लुनावत मसीहा बनकर आए. धार्मिक यात्रा पर जा रहे डॉ. लुनावत ने चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला का प्रसव कराया. जबकि इस दौरान रेलवे स्टाफ ने पीड़िता की कोई मदद नहीं की. जब डॉ. लुनावत ने पीड़िता की डिलीवरी कराई तो रेलवे प्रशासन धन्यवाद देने के बजाए उन पर ही बिफर गया.
ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन: डॉ शैलेश लुनावत ने बताया कि कि 'मैं मुंबई मेल से परिवार के साथ एसी 3 कोच में जैन तीर्थ शिखरजी जा रहा था. ट्रेन करीब 5:00 बजे मैहर के पास पहुंची, तभी कुछ लोग चिल्लाने लगे की बोगी में कोई डॉक्टर है क्या. मैंने कहा क्या बात है, तो उन्होंने बताया कि हमारी बोगी में लोअर बर्थ पर एक प्रसूता दर्द से कराह रही है. तब डॉ. लुनावत को महिला के परिजन 28 साल की निकहत के पास ले गए. उसे लेबर पेन उठ रहा था. उन्होंने बताया कि मैंने रेलवे स्टाफ से कहा लेकिन उन्होंने कोई खास मदद नहीं की.
ट्रेन में महिला की डिलीवरी:इसके बाद 108 एंबुलेंस से संपर्क किया तो पता चला कि अगले स्टेशन सतना पर एंबुलेंस मिल पाएगी. इस बीच महिला का दर्द और बढ़ गया. मैंने उसे अटेंड करने की ठानी. परिवार वालों की सहमति से उसे ट्रेन में ही डिलीवरी करने की बात कही. हमारे पास कोई भी मेडिकल औजार नहीं थे. सैनिटाइजर एक कैची ग्लब्स और कॉटन भी इत्तेफाक से मेरे पास था. ट्रेन में अन्य महिलाओं ने साथ दिया और ₹45 मिनट के संघर्ष के बाद निकहत ने लड़की को जन्म दिया. 6:00 बजे ट्रेन सतना पहुंची, तो एंबुलेंस बुलाकर महिला को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया.