Winter Healthcare Tips:लंका युद्ध के दौरान भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण जब मूर्क्षावस्था में चले गये थे, हनुमान जी उनके लिये चमत्कारी संजीवनी बूटी लाये थे. आज संजीवनी बूटी कैसी दिखती है ये तो किसी को नहीं पता. लेकिन औषधी की दुनिया में जो पौधा संजीवनी के तौर पर माना जाता है वह ऐलोवेरा है. किसी भी घर में इसे आसानी से देख जा सकता है, लेकिन लोग इसके चमत्कारी और औषधीय गुणों से आज भी अनजान हैं. इसका इस्तेमाल आप अपनी त्वचा से लेकर बालों की देखभाल में कर सकते हैं, बल्कि ये शारीरिक चोट, पोशाक तत्वों की कमी दूर करने के साथ ही वजन कम करने में भी मदद करता है. वैसे तो इस पौधे की 200 से ज्यादा अलग-अलग प्रजातियां हैं, लेकिन इनमें 5 ही इस्तेमाल करने लायक होती हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर है ऐलोवेरा:प्राचीन काल से एलोवेरा को ग्वारपाटा या धृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है. इस पौधे की पत्तियां कांटेदार होती हैं जिनके अंदर एक तरह का गाढ़ा चिपचिपा रस होता है जो औषधीय गुणयुक्त होता है. इसे जूस के रूप में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है. आयुर्वेदिक पद्धति के मुताबिक, इसके सेवन से वायुजनित रोग, पेट के रोग, जोडों के दर्द, अल्सर, अम्लपित्त या एसिडिटी आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं. इसके अलावा एलोवेरा को रक्त शोधक, पाचन क्रिया के लिए बहुत ज्यादा गुणकारी माना जाता है.
सेहत के लिए फायदेमंद एलोवेरा जूस:ऐलोवेराकी पत्तियों को छीलकर निकाला गया रस जूस के रूप में दो से तीन चम्मच सुबह खाली पेट सेवन करने से शरीर में स्फूर्ति आती है. एलोवेरा में मौजूद विटामिन्स मिनरल और पदक तत्त्व हमारे बॉडी सिस्टम को बेहतर बनाता है. जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और हमेशा एनर्जी महसूस होती है. पाचनक्रिया बेहतर होता है जिससे शरीर का वजन घटाने में भी मदद मिलती है. वहीं एलोवेरा जूस के नियमित सेवन से शारीरिक त्वचा में भी निखार आता है. इसकी वजह से स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है. साथ ही चेहरे पर भी ग्लो आता है. एलोवेरा का जूस पीने से मुहांसे, रूखी धूप से झुलसी हुई त्वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बे, आखों के काले घेरे की समस्या से भी निजात मिलती है.