भोपाल।28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख दांव पर लगी है. 15 महीने की कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 विधायक अब भगवा रंग में रंग चुके हैं. यहीं वजह है कि ये उपचुनाव सिंधिया VS कमलनाथ हैं. हालांकि सियासी गाड़ी की ड्राइवर सीट पर शिवराज सिंह बैठे हैं. वहीं आचार संहिता लगने से पहले करोड़ों रुपये की योजनाओं की शुरुआत कर शिवराज ने बड़ा दांव तो चला है लेकिन ये कितना सफल होगा ये उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे. अगर उपचुनाव में भाजपा ज्यादा सीटें जीत जाती है तो शिवराज की मुख्यमंत्री की कुर्सी तो सुरक्षित रहेगी साथ ही राजनीतिक कद भी बढ़ जाएगा.
वहीं भाजपा अगर उपचुनाव हारी तो मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ शिवराज का राजनीतिक कद घटना तय है क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद लगातार दूसरे चुनाव में वो असफल माने जाएंगे. बीजपी को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र नौ सीटों की जरूरत है जो उपचुनाव में दांव पर हैं.
आईये शिवराज सिंह चौहान के जीवन परिचय से जुड़े कुछ पहलुओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं.
शिवराज सिंह का जीवन परिचय
शिवराज सिंह चौहान किराड़ राजपूत परिवार से आते हैं. शिवराज सिंह का जन्म 5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में किसान परिवार में हुआ. 1992 में उनका विवाह साधना सिंह से हुआ था और उनके दो बेटे हैं कार्तिकेय सिंह चौहान और कुणाल सिंह चौहान. शिवराज भोपाल के बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी से एमए में दर्शनशास्त्र से गोल्ड मेडलिस्ट हैं.
छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े
शिवराज सिंह चौहान छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं. 1975 में मॉडल स्कूल स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे. 1975-76 में इमरजेंसी के खिलाफ अंडग्राउंड आंदोलन में हिस्सा लिया. 1976-77 में आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए.1977 से वे आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. इसके अलावा लंबे समय तक एबीवीपी से भी जुड़े रहे.
शिवराज का राजनीतिक करियर
⦁ शिवराज सिंह पहली बार 1990 में बुधनी सीट से विधायक चुने गए
⦁ 1991 में पहली बार विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे