भोपाल। देश के दिल मध्यप्रदेश में चीतों (cheetahs) की रफ्तार देखने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. चीतों के नवंबर माह में 72 साल बाद वापसी मुश्किल लग रही है. दरअसल, चीतों को लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका (South Africa) जाने वाले वन विभाग के अधिकारियों के दल को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अपत्ति जताई गई है. राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ केन्द्र सरकार के अधिकारी और मंत्री को 29 सितंबर को रवाना होना था, लेकिन अब कब रवाना होंगे. इसके बारे में कोई तय नहीं है. उधर, बारिश की वजह से बाड़ा बनाए जाने का काम भी प्रभावित हुआ है. यह नंवबर माह तक ही पूरा हो पाएगा.
मंत्री और स्टाॅफ का नाम जुड़ने के बाद अटका मामला
दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश तक चीता लाने की विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए 29 सितंबर को वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम रवाना होनी थी. टीम में मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल और मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक (Chief Wildlife Custodian) आलोक कुमार के अलावा एनटीसीए के अधिकारी दक्षिण अफ्रीका जाने वाले थे. हालांकि बाद में इस सूची में केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और आधा दर्जन स्टाॅफ और अधिकारियों का नाम भी इसमें जुड़ गए.
बताया जाता है इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister Office) की तरफ से इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों के दक्षिण अफ्रीका जाने को लेकर आपत्ति जताई गई. हालांकि अब यह तय नहीं है कि अधिकारियों का यह दल कब रवाना होगा. दरअसल चीतों को इतनी लंबी दूरी तक लाना अपने आप में अनूठा काम है. इसको लेकर दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर इसको अंतिम रूप दिया जाना है.