भोपाल। एक तरफ बाघ संरक्षण के मामले में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार के कामकाज से वन्य प्रेमी और विशेषज्ञ नाराज हैं. वन्यप्रेमियों ने सीएम कमलनाथ पर वाइल्ड लाइफ बोर्ड में अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट जाने की बात कही है.
वाइल्ड लाइफ बोर्ड में नियुक्ति के खिलाफ वन्यप्रेमियों ने खोला मोर्चा, प्रदेश सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील - भोपाल न्यूज
कमलनाथ सरकार के कामकाज से वन्य प्रेमी और विशेषज्ञ नाराज हैं. वन्यप्रेमियों ने सीएम कमलनाथ पर वाइल्ड लाइफ बोर्ड में अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट जाने की बात कही है.
वन्यप्रेमियों की माने तो कमलनाथ सरकार ने राज्य वन्य प्राणी बोर्ड में ऐसे कई सदस्यों की नियुक्त की हैं. जिनकी योग्यता और चरित्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में वन्य प्राणी संरक्षण कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से नियुक्तियां रद्द करने की मांग की है. वन्यप्रेमियों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ यह नियुक्तियां रद्द नहीं करेंगे. तो वन्य प्राणी संरक्षण कार्यकर्ता सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि प्रदेश सरकार ने जो वाइल्ड लाइफ बोर्ड बनाया है, वो वाइल्ड लाइफ एक्ट के विरूद्ध बनाया गया है. अजय दुबे ने कहा कि इस बोर्ड में अयोग्व व दागी लोगों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि अयोग्य लोगों के बोर्ड में रहने से वन्यप्राणियों की सुरक्षा में सवाल खड़े होते हैं. अजय दुबे ने कहा कि सीएम ने अपनी ताकत को गलत उपयोग कर, जो काबिल लोग थे उन्हें दरकिनार किया है. लिहाजा वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे.