भोपाल।कई बार हम ऐसा सुनते हैं कि, लोग हैवानियत की सारी हदें पार कर देते हैं, लोग हवस में इतने अंधे हो जाते हैं कि महिला और बच्चियों को तो छोड़िए, जानवरों को भी नहीं छोड़ते हैं, पशुओं के साथ दुराचार करने वालों की आखिर क्या मानसिक स्थिति होती है, क्यों करते हैं वो ऐसा घिनौना कृत्य, इन सभी सवालों के जवाब में मनोचिकित्सक रूम भट्टाचार्य ने बताए.
मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य बताती हैं कि, जानवरों के साथ यौन संबंध या दुराचार कोई नई बात नहीं है. यह घिनौना कृत्य पूरे विश्व में किया जाता है. निश्चित तौर पर यह एब्नार्मल सेक्सुअल ओरियंटेशन है. पशुओं के साथ यौन शोषण करने वालों की मानसिकता रखने वालों में सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी होती है. वो अपने से कम उम्र के ऑपोजिट सेक्स के साथ नॉर्मल रिलेशनशिप नहीं रख पाते हैं. इनमें कुछ ऐसे भी होते हैं, जो बच्चों के साथ भी यौन शोषण करते हैं.