भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा देश की एकमात्र ऐसी विधानसभा है, जो पिछले 4 महीने से ज्यादा वक्त से अस्थाई अध्यक्ष, मतलब प्रोटेम स्पीकर के सहारे चल रही है. हालांकि इन हालातों के लिए मध्य प्रदेश की राजनीतिक अस्थिरता और कोरोना महामारी है. लेकिन अब जब उप चुनाव खत्म हो चुके हैं, और सत्ताधारी दल भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ आ गई है, तब भी विधानसभा का सत्र आहूत करने और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करने की परिस्थितियां नजर नहीं आ रही है, विधानसभा के मौजूदा प्रोटेम स्पीकर की मानें तो उन्हें 22 मार्च 2021 तक दूसरा सत्र आहूत करना है.
प्रोटेम स्पीकर के सहारे चल रही विधानसभा
कमलनाथ सरकार के गिरते ही मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार अस्तित्व में आ गई थी, शिवराज सरकार के अस्तित्व में आते ही मौजूदा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, जगदीश देवड़ा करीब 100 दिन तक स्पीकर रहे. और इसके बाद जब उन्हें मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के तौर पर शामिल किया गया, तो 5 जुलाई 2020 को रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया, उसके बाद से अब तक रामेश्वर शर्मा ही मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं, प्रोटेम स्पीकर को काम करते हुए 4 महीने 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीत गया है, जानकारों की मानें तो देश में कभी भी कोई भी विधानसभा इतने बड़े वक्त के लिए प्रोटेम स्पीकर के सहारे नहीं चली है.
कब होगा शीतकालीन सत्र ?
अगर मध्य प्रदेश विधानसभा नियमित रूप से चलती तो यह समय शीतकालीन सत्र बुलाने का समय होता है, लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र की कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है. वहीं प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि 21 सितंबर को हमने सत्र आहूत किया था और 6 महीने के अंतराल से सत्र आयोजित होना चाहिए, इस लिहाज से अभी 22 मार्च तक हमारे पास समय है, अगर कोरोना के कारण परिस्थितियां सुधरेंगी, तब हम जल्द ही सत्र शुरू कराएंगे.
नियमित सत्र नहीं तो नहीं हो पाएगा स्पीकर का चुनाव
सितंबर महीने में विधानसभा का जो सत्र बुलाया गया था, वह कोरोना काल की परिस्थितियों में सीमित सदस्यों को बुलाकर आयोजित किया गया था, अगर विधानसभा स्पीकर का चुनाव होना है, तो नियमित और पूर्णकालिक सत्र आहूत करना होगा, मौजूदा स्थितियों में सरकार की मंशा को देखकर ऐसा नहीं लगता है, कि सरकार नियमित शीतकालीन सत्र बुलाने की तैयारी में है, ऐसी स्थिति में लगता है कि अभी मध्यप्रदेश विधान सभा प्रोटेम स्पीकर के सहारे ही चलेगी.
'रामेश्वर शर्मा तय नहीं कर पा रहे, कि वह कौन हैं' ?