भोपाल। एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मकान मालिकों को सीधे निर्देश दिए हैं कि, वह अपने किरायेदारों को बेदखल नहीं कर सकेंगे. उसके बाद भी शिवराज सरकार कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 24 विधायकों के बंगले खाली कराने पर अड़ी हुई है. इसी के चलते बुधवार को शिवराज सरकार के निर्देश पर संपदा संचालनालय का अमला पूर्व मंत्री तरुण भनोत का बंगला खाली कराने के लिए पहुंच गया. जहां उन्होंने बंगले को सील कर दिया है. इस अमले में संपदा के कर्मचारी, तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी भी मौजूद थे. इस घटना को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने चौंकाने वाली घटना बताया है. उन्होंने इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन की बात कही है.
पूर्व मंत्री ने खाली नहीं किया बंगला, तो अधिकारियों ने किया सील, विवेक तन्खा ने बताया SC के निर्देश का उल्लंघन
शिवराज सरकार के निर्देश पर संपदा संचालनालय द्वारा पूर्व मंत्री तरुण भनोत का बंगला सील कर दिया गया है. जिसे कांग्रेस में राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने चौंकाने वाली घटना बताया है. उन्होंने इसमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन की बात कही है.
वहीं कांग्रेस कमेटी के मीडिया कोऑर्डिनेटर अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया है कि, 'बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि इस महामारी में भाजपा की मत मारी गई है. भाजपा सरकार मज़दूरों से लेकर पूर्व मंत्रियों तक को घरों को रौंद रही है या सील कर रही है. भाजपा की हथियाई हुई सत्ता की ये करतूत उनकी हताशा की परिचायक है. कमलनाथ सरकार अपने कार्यकाल में कभी भी पूर्वाग्रह से प्रतिशोध की कार्रवाई नहीं की. लेकिन वर्तमान सरकार ने पूर्व वित्त मंत्री का घर कंटेनमेंट जोन में होने के बाद भी अवैधानिक रूप से सील कर दिया गया. इसी प्रकार शिवराज सरकार ने हाल ही में रीवा में सैकड़ों गरीब मज़दूरों की झोपड़ियां इस महामारी के समय में उखाड़ कर फेंक दी थी और आज वे बेसहारा दरबदर की ठोकरें खा रहे हैं'.
बता दें कि, यह बंगला बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को आवंटित किया गया है. संपदा संचालनालय ने पूर्व मंत्री तरुण भनोत को दो बार बंगला खाली करने के नोटिस जारी किए थे. तब तरुण भनोत ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा कि "मै कोरोना के चलते जबलपुर में हूं. इसलिए बंगला खाली नहीं कर पाया हूं. विधानसभा का सदस्य हूं और मुझे भोपाल में कोई भी बंगला अलाट नहीं हुआ है. ऐसे में मैं अपना सामान कहां रखूगा". इसके बाद ये कार्रवाई की गई.