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विवेक तन्खा ने एमपी में की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, सीएम पर लगाए आरोप

मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अब तक मरीजों का आंकड़ा 500 के करीब आ चुका है, जबकि 40 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया है. इसी बीच कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है. पढ़िए पूरी खबर..

VIVKE TANKHA
विवेक तन्खा

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Published : Apr 11, 2020, 9:21 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 11:46 PM IST

भोपाल। राज्यसभा सांसद और जाने-माने वकील विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान बिना मंत्रिमंडल के एक व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इसे संवैधानिक संकट बताते हुए मध्यप्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,राज्यपाल लालजी टंडन और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा है. राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जो सरकार काम कर रही है, वह असंवैधानिक है. कोरोना वायरस के कारण दिन-ब-दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और सरकार बिना मंत्रिमंडल के काम कर रही है. पूरा विश्व और भारत देश कोरोना महामारी से संघर्ष कर रहा है और मध्य प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता पर एक व्यक्ति असंवैधानिक तरीके से राज करने की कोशिश कर रहा है.

विवेक तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 23 मार्च को लॉक डाउन के समय बिना मंत्रिमंडल के शपथ ली. संविधान के अनुच्छेद 163 में स्पष्ट निर्देश है कि एक मंत्रिमंडल का गठन होना चाहिए, जिस का मुख्यमंत्री मुखिया होता है, जो राज्यपाल के लिए सलाह देता है. संविधान में यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री अकेले शपथ ले सकता है. लेकिन एक उत्तरदायी शासन के लिए मंत्रिमंडल का गठन करना चाहिए, जिसकी संख्या विधानसभा सीटों के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित 15% होना चाहिए.

'एक व्यक्ति चला रहा सरकार'

विवेक तन्खा ने कहा कि यह मंत्रिमंडल राज्यपाल के लिए सलाह देने का काम करता है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक व्यक्ति बगैर मंत्रिमंडल की सरकार चला रहा है.14 अप्रैल को हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की जयंती है. मध्यप्रदेश में संविधान की दुर्दशा देखकर हमारे पूर्वज और बाबा साहब अंबेडकर आंसू बहा रहे होंगे.

खतरे में प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता

विवेक तंखा ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश का इंदौर शहर कोविड-19 के कारण सबसे ज्यादा मौतों की वजह से हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया है. भोपाल को भी हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया है. इधर प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है. स्वास्थ्य विभाग के ही 45 अधिकारी कोरोना पॉजीटिव निकले हैं. प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था महामारी के कारण दयनीय स्थिति में पहुंच गई है. डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित अन्य आवश्यक सेवाओं वाले कर्मचारियों पर नौकरशाहों की सलाह से एस्मा लगा दिया गया है. हमारे प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता खतरे में हैं.

'मध्यप्रदेश में उत्तरदायी मंत्रिमंडल नहीं'

विवेक तन्खा ने कहा कि इस स्थिति में भी मध्यप्रदेश में उत्तरदायी मंत्रिमंडल नहीं है. मध्यप्रदेश में महामारी के समय स्वास्थ्य मंत्री भी नहीं है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत मंत्रिमंडल का गठन जनता के विश्वास का द्योतक है. हालांकि इसे मुख्यमंत्री की दिलेरी कहा जा सकता है कि वह अकेले सरकार चला रहे हैं, लेकिन यह जनहित में नहीं हैं. मध्यप्रदेश की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कोरोना वायरस प्रेस ब्रीफिंग करती रहीं और खुद कोरोना वायरस पॉजीटिव हो गई. इससे पहले स्थिति ज्यादा बिगड़ जाए व्यवस्था में सुधार करना चाहिए.

राज्यपाल लालजी टंडन पर भी खड़े किए सवाल

विवेक तन्खा ने राज्यपाल लालजी टंडन पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल प्रतिदिन पूर्व मुख्यमंत्री को बहुमत सिद्ध करने का दबाव बनाते थे, जबकि उन्हें पता था कि सत्ताधारी दल के विधायक बेंगलुरु में बंधक है, लेकिन इस समय वह रहस्यमई चुप्पी साधे हुए हैं और संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त होते हुए देख रहे हैं. आज मध्य प्रदेश को एक मंत्रिमंडल की आवश्यकता है. प्रदेश को संवैधानिक व्यवस्था से दूर नहीं रख सकते हैं, क्योंकि इस समय हम संकट के दौर से गुजर रहे हैं. अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंत्रिमंडल का गठन करने में सक्षम नहीं है और संवैधानिक संकट की स्थिति बन रही है. तो मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. अंत में उन्होंने लिखा है मध्य प्रदेश के नागरिक, एक मतदाता, वकील और राज्यसभा सांसद होने के नाते मेरा आपसे निवेदन है कि संविधान के संरक्षक के तौर पर प्रदेश की जनता के संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित करें.

Last Updated : Apr 11, 2020, 11:46 PM IST

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