भोपाल। नेशनल हॉकी प्लेयर विवेक सागर (National Hockey Player Vivek Sagar) मध्य प्रदेश के युवाओं के प्रेरणा स्रोत बनते जा रहे हैं. इसको लेकर मध्य प्रदेश की कई संस्थाएं विवेक को ब्रांड एंबेसडर के तौर पर प्रस्तुत कर रही है. हाल ही में क्रिप्स (Center for Research and Industrial Staff Performance) कंपनी ने विवेक को ब्रांड एंबेसडर घोषित किया है. साथ ही विवेक क्रिप्स के शुरू हो रहे कार्यक्रम में भी भागीदारी करने जा रहा है.
विवेक सागर बने क्रिस्प के नए Brand Ambassador अब DMIT रिपोर्ट से पता चलेगी प्रतिभा
केंद्रीय सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) संस्था ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है. जिसकी मदद से फिंगर प्रिंट के द्वारा व्यक्तिव विशलेषण किया जा सकता है. गुरूवार को प्रदेश के ओलिंपिक हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर ने श्यामला हिल्स स्थित क्रिस्प संस्थान में डरमैटोगलाइफिक्स मल्टिपल इंटेलीजेन्स टेस्ट (DMIT) सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया. इस अवसर पर विवेक सागर का फिंगर प्रिंट के माध्यम से ब्रेन मेपिंग भी किया.
युवाओं के लिए विवेक बना प्रेरणा स्त्रोत
विवेक सागर का कहना है कि क्रिप्स ने नई टेक्नोलॉजी लेकर आए हैं. जिसका उपयोग खिलाड़ी आसानी से कर सकेंगे. विवेक का कहना है कि आने वाले समय में स्पोर्ट्स में मध्य प्रदेश भारत के नक्शे पर टॉप पर होगा. प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. आने वाले दिनों में प्रदेश खिलाड़ियों का हब बन सकता है. यहां से कई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे.
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विवेक ने युवाओं के लिए कहा कि कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ना चाहिए. रास्ते में कई परेशानियां आऐंगी, लेकिन कोई अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ता है तो एक दिन लक्ष्य की प्राप्ती जरूर होती है.
स्पोटर्स एक बड़ी इंडस्ट्री
क्रिस्प सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत पाटिल ने कहा कि स्पोटर्स एक बड़ी इंडस्ट्री है. भारत युवाओं का देश है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश की अवधारणा को पूरा करने में युवा शक्ति का सकारात्मक सहयोग आवश्यक है. उन्होंने ओलिंपियन विवेक सागर को सम्मानित करते हुए कहा कि विवेक आज यूथ ऑइकन बन गए है. उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. पाटिल ने कहा कि क्रिस्प संस्थान ने तैयार किए गए DMIT सॉफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के एनालिसिस करता है. इस तकनीक से फिगंर प्रिंट की मदद से हमारे मस्तिष्क को जाना जा सकता है.
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डीएमआईटी से ऐसे होगी प्रतिभा की पहचान
क्रिस्प की डॉ. संस्कृति मिश्रा ने बताया कि डरमैटोग्लाइफिक्स मल्टिपल इंटेलीजेन्स एनालिसिस एक विज्ञान है, जिसमें हाथों के फिंगर प्रिंट का अध्ययन किया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले इस विधा का प्रयोग अपराध विज्ञान के लिए किया जाता था. इसके बाद इस अध्ययन का प्रयोग शारीरिक और मानसिक रोग की पहचान करने के लिए किया जाने लगा.
इस दौरान ये पाया गया कि फिंगर प्रिंट का संबंध हमारे मस्तिष्क से होता है, फिंगर प्रिंट और मस्तिष्क का विकास भ्रूर्ण अवस्था में माता के गर्भ में ही 10वें से 12वें सप्ताह में हो जाता है. शोध में यह भी पाया गया कि जिस तरह की आकृतियां व्यक्ति के मस्तिष्क के विभिन्न भागों पर है, ठीक उसी प्रकार की एक समान छाप व्यक्ति की ऊंगलियों पर फिगंर प्रिंट के रूप में उपलब्ध है, जिसे न्यूरो मैगनेटिक इफेक्ट कहा जाता है.