भोपाल : मध्यप्रदेश की राजनीति में विंध्य क्षेत्र से कई कद्दावर नेता सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण स्थान पर रहे हैं. करीब 17 साल बाद एक बार फिर विंध्य क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिल रहा है. विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर गिरीश गौतम विंध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे, पार्टी ने गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष के पद पर नामांकन दर्ज कराया है.
17 साल बाद विंध्य क्षेत्र से बनेगा विधानसभा अध्यक्ष
मंत्रिमंडल में विंध्य क्षेत्र को भागीदारी नहीं मिलने के बाद से ही लगातार सवाल उठ रहे थे कि आखिर विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा क्यों की जा रही है, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए विंध्य के नेताओं का नाम भी सामने आने लगा था. ऐसे में आखिरकार अब पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम का अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दर्ज कराया है.
1972 से शुरू की राजनीति
रीवा के देवतालाब से बीजेपी विधायक गिरीश गौतम ने 1972 में छात्र राजनीति में आए थे. साल 1977 से लगातार उन्होंने किसानों मजदूरों और छात्रों के लिए आवाज उठाई 2003 में रीवा की देवतालाब सीट से पहली बार विधायक बने. तब से लगातार चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. गिरीश गौतम विधानसभा की लोक लेखा, महिला एवं बाल कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रह चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले गिरीश गौतम विंध्य क्षेत्र के ऐसे दूसरे नेता हैं जो विधानसभा अध्यक्ष बन रहे हैं. इससे पहले विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाने वाले श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं. श्रीनिवास तिवारी दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं, तब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी. तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक दिग्विजय सिंह सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे थे.