भोपाल। मध्यप्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा में हुईं धांधली में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने निर्णय पारित करते समय दोनों पक्षों के गुण-दोष पर विचार करते हुए तीन लोगों को दोषी पाया है. इनमें देवेंद्र कुमार जाटव, पद्मसिंह खरे और आनंद सागर शामिल हैं. इन्हें धारा 419 420 467 468 471 सपठित धारा 120 बी भादवि और मान्यताप्राप्त परीक्षा अधिनियम की धारा 3डी 1-2/4 में दोषी पाया गया है. प्रकरण में सात अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया.
छद्म नामों से शिकायतें प्राप्त हुई थीं :सीबीआई की ओर से इस प्रकरण में सतीश दिनकर विशेष लोक अभियोजक सीबीआई द्वारा पैरवी की गई. विवेचना एसटीएफ के उप पुलिस अधीक्षक अरुण कश्यप एवं सीबीआई के निरीक्षक अनुज कुमार द्वारा की गई थी. एसटीएफ को छद्म नामों से शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि 15 अप्रैल 2012 को आयोजित मध्यप्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा में देवेंद्र कुमार जाटव द्वारा अनुचित तरीके से परीक्षा पास कर चयन हुआ है. शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए थाना एसटीएफ में देवेंद्र कुमार जाटव के संबंध में वन विभाग सतपुड़ा भोपाल एवं व्यापम भोपाल से जानकारी प्राप्त की गई. संदेही देवेंद्र कुमार को तलब कर नमूना लिखावट व निशानी अंगूठा की जांच कराई गई.