भोपाल। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण पर हंगामा शुरू कर दिया. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में ओबीसी आरक्षण को लेकर कुछ और वादा किया था, जबकि आदेश कुछ और ही जारी कर दिया गया. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार कोर्ट जाए या मंदिर जाए, मुख्यमंत्री ने सदन में जो कहा था उसका अक्षरश: पालन होना चाहिए. उधर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल (mp government files petition in SC) की है और इसकी अर्जेंट हीयरिंग के लिए आज पिटिशन लगा रही है. हंगामे के चलते (mp assembly Uproar on OBC reservation issue) सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और फिर 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव के परिणाम पर राज्य निर्वाचन आयोग ने लगाई रोक, कांग्रेस ने बताया असंवैधानिक
हंगामे के बीच चला विधानसभा का प्रश्नकाल
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में कुछ और बात करते हैं, जबकि ओबीसी आरक्षण को लेकर आदेश कुछ और ही जारी होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया है कि कोर्ट का फैसला आने तक चुनाव परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे. आयोग के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बगैर कोई भी चुनाव नहीं कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सदन और प्रदेश को जो संदेश दिया उसका पालन होना चाहिए. ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी भी की.
विधानसभा के अंदर मौजूद विधायक
त्वरित सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रही है, सरकार ने जो कहा वही किया है. सरकार ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन पिटिशन लगाई है. इसकीअर्जेंट सुनवाई के लिए आज फिर पिटीशन लगा रहे हैं. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात-छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के आधार पर चुनाव हो रहा है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस और विवेक तन्खा ने कोर्ट जाकर चुनाव रोकने का काम किया है, इसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.