भोपाल।मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. खासकर वह गुट, जो शिवराज से अलग माना जाता हैं. इन सबके बीच दिल्ली में नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले पर एक बैठक हुई. वहीं कैलाश विजयवर्गीय के साथ संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन महामंत्री हितानंद दिल्ली में प्रह्लाद पटेल के घर पहुंचे थे.
सियासत में उठापटक के संकेत नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर दिग्गज नेताओं का बंद कमरे में मंथनदरअसल, मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ने के पीछे उस मुलाकात को भी देखा जा रहा हैं, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय और संघ पदाधिकारी सुरेश सोनी दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनिल दवे के आवास पर बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक बातचीत की थी. मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश की सियासत में कुछ जरूर पक रहा हैं, क्योंकि विजयवर्गीय का चार महीने बाद भोपाल आना और उसके बाद एक घंटे से ज्यादा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात करना, प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों से बंद कमरे में बातचीत करना, बड़ी उठा-पटक की ओर संकेत कर रहा हैं.
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अनिल दवे के आवास पर विजयवर्गीय और सुरेश सोनी की मुलाकात
इस बीच सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि चाहे प्रह्लाद पटेल का घर हो, या फिर नरेंद्र सिंह तोमर का, दोनों बंगलों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी नहीं थी. जिस तरह से ग्वालियर चंबल के नेताओं की मुलाकात हुई. सिंधिया की गैरमौजूदगी से कहीं न कहीं क्षेत्र के लिए नए संकेत दिखाई दे रहे हैं.
केंद्रीय हाईकमान ने प्रदेश का फीडबैक मांगा
शिव प्रकाश के दो दिनों के भोपाल दौरे के दौरान उन्होंने न सिर्फ संगठन, बल्कि सत्ता का रिपोर्ट कार्ड भी लिया. अब पूर्व सांसद प्रभात झा का नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर आना और बंद कमरे में आधे घंटे से ज्यादा समय तक बात करना, मध्य प्रदेश की सियासत में उथल-पुथल का संदेश दे रहा हैं.
सत्ता और संगठन में बदलाव होने के संकेत माने जा रहे हैं, क्योंकि कोरोना काल के दौरान जिस तरह से प्रदेश में मौतें हुई. अव्यवस्थाओं का आलम रहा. उससे केंद्र सरकार की भी जमकर किरकिरी हुई. इससे लग रहा है कि केंद्रीय हाईकमान सरकार से खुश दिखाई नहीं दे रहा हैं.