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शिवराज के दावे झूठे! पटवारी के 6 हजार पदों पर आए 12.79 लाख आवेदन, बड़ी डिग्री धारक भी शामिल - patwari exam in mp

मध्यप्रदेश में पटवारी के लिए 6000 पदों पर 12 लाख से ज्यादा युवक-युवतियों ने फॉर्म भरे हैं. जिसमें पीएचडी, एमबीए और इंजीनियरिंग की डिग्री वाले छात्र भी शामिल हैं. ऐसे में प्रदेश में बेरोजगारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है.

Professional Examination Board
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड

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Published : Feb 23, 2023, 11:12 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हर साल 1 लाख रोजगार देने वाला दावा एकदम झूठ साबित हो रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है पटवारी के लिए आवेदन. जिनमें एमबीए, इंजीनियरिंग और पीएचडी किए हुए युवक-युवतियां भी शामिल हैं. जबकि इस पद के लिए महज याेग्यता यूजी की डिग्री यानी स्नातक होना जरूरी है. वहीं 6000 पदों के लिए प्रदेश के 12 लाख से अधिक युवक-युवतियों ने फार्म भरे हैं.

6000 पदों को लिए 12 लाख से ज्यादा फार्म: एमपी में पांच साल के इंतजार के बाद पटवारी परीक्षा होने की तारीख तय हुई है. इसके लिए बीते माह की 24 जनवरी तक आवेदन मंगाए गए थे. जब आवेदन की संख्या पूरी हुई तो पता चला कि पटवारी के एक पद के लिए 200 कैंडीडेट के बीच मुकाबला होगा, क्योंकि 6000 पदों के लिए प्रदेश के 12 लाख से अधिक युवक-युवतियों ने फार्म भरे हैं. मप्र कर्मचारी चयन मंडल से मिले आंकड़ों के अनुसार इनमें बड़ी संख्या उन छात्रों की है, जिन्होंने पीएचडी, एमबीए और इंजीनियरिंग की डिग्री कर रखी है. इंजीनियर्स में कई बच्चों ने एमटेक भी किया है. इसके बाद भी जो पटवारी का पद भू-राजस्व अधिकारी के रूप में होता है उसके लिए आवेदन कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार इस साल 12.79 लाख आवेदनों में से 1000 पीएचडी धारक, 85 हजार इंजीनियरिंग पास स्टूडेंट और करीब 1 लाख एमबीए किए हुए स्टूडेंट हैं. जबकि करीब 1.8 लाख के पास आर्टस और साइंस विषय में पीजी की डिग्री है. यानी मांगी गई जरूरी योग्यता के हिसाब से 8.13 लाख स्टूडेंट हैं.

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गौरतलब है कि पटवारी के लिए लिखित परीक्षा 15 मार्च को होना है. इसे दो पाली में आयोजित किया जाएगा. इसके पहले मप्र में वर्ष 2017-18 में पटवारी नौकरियों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. इस बार पटवारी के साथ ग्रुप 2, सबग्रुप 4 सहायक समपरीक्षक एवं समकक्ष पदों के लिए भी भर्ती होगी.

मप्र में हैं 38 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार: मप्र में एक लाख रोजगार देने का वादा था, लेकिन इसके उलट एक लाख बेरोजगार हर महीने बढ़ते जा रहे है. रोजगार विभाग में पंजीयन किए आंकड़ाें को देखें तो कुल 38.86 लाख बेरोजगारों का पंजीयन है. इनमें 53 जिलों से रजिस्ट्रेशन आया है. इनमें भी 32 फीसदी बच्चे वे हैं, जिन्होंने एमबीए, इंजीनियरिंग, पीएचडी समेत दूसरी डिग्री पूरी कर ली है.

इन प्रयासाें के बाद यह स्थिति:मध्यप्रदेश में बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार हर महीने हर जिले में रोजगार मेला आयोजित करने का दावा करती है, लेकिन इन मेलों में 10वीं, 12वीं और यूजी डिग्री वाले छात्र ही आते हैं. बाकी जो बच्चे सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं, वे इसी में जुटे हैं, लेकिन हर परीक्षा पर पेंच फंसने से छात्रों में तनाव बढ़ रहा है. उदाहरण के लिए एमपीपीएससी में जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, वे वर्ष 2019 से अटकी हैं. इसके अलावा दूसरी परीक्षाएं भी कोर्ट में फंसी हैं.

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