भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सक्रियता के चलते कई अटकलें लगाई जा रहीं हैं. सियासत के गलियारों में चर्चा है कि उमा भारती की प्रदेश की राजनीति में वापसी हो सकती है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी अगर शिवराज का विकल्प तलाशती है तो इस कतार में पहली दावेदारी उमा भारती की होगी और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी भी सौंपी जा सकती है.
कांग्रेस का तंज
कांग्रेस ने उमा भारती की सक्रियता को लेकर बीजेपी नेताओं और सिंधिया पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि उमा भारती की सत्ता में वापसी की घोषणा ने कई नेताओं की नीद उड़ा दी है. लिहाजा सूबे के बीजेपी नेताओं द्वारा एक बार फिर उन्हें दरकिनार करने की कोशिश की जाएगी.
इन वजहों से बड़ी सियासी सरगर्मी
प्रदेश की सियासत में उमा भारती की वापसी की अटकलें इसलिए लगाईं जा रही हैं क्योंकि हाल ही में जो सियासी घटनाएं घटी हैं, उसके पीछे की सूत्रधार उमा भारती ही मानी जा रहीं हैं. बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक रहे प्रद्युम्न सिंह लोधी के इस्तीफे और बीजेपी में शामिल होने में उमा भारती की खास भूमिका रही है. इसके अलावा दमोह विधायक राहुल सिंह को बीजेपी में लाने में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रहलाद पटेल उमा भारती के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं. इसके अलावा उन्होंने उपचुनाव में करीब 39 रैलियां की हैं, अगर इन सीटों पर बीजेपी को सफलता मिलती है तो कहीं ना कहीं इसका श्रेय उमा भारती को मिलेगा.
उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे उमा का भविष्य
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अगर ऐसे हालात बनते हैं कि बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें दूर रह जाए तो उमा भारती जरूरी विधायकों की संख्या जुटा सकतीं हैं. बंडा विधायक तरवर सिंह लोधी और बीएसपी विधायक रामबाई सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने के कयास लगाए जा रहे हैं, इसके पीछे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर कहीं ना कहीं उमा भारती का भूमिका है. ऐसी स्थितियां बनतीं हैं बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उमा भारती को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप सकता है.
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