भोपाल। शादी में बुआ का रोल जानते ही हैं आप... क्या बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती एमपी के विधानसभा चुनाव में उसी किरदार में आ चुकी हैं? पार्टी के फैसलों को लेकर लगातार नए कटघरे खड़े कर रही उमा भारती ने बीजेपी की चौथी सूची जारी होने के बाद जो ट्वीट किया है, उसमें उन्होंने कई सवाल खड़े किए हैं. खास अल्लामा इकबाल का एक शेर है, जिसे उन्होने अपने ट्वीट में इस्तेमाल किया है. उन्होंने लिखा है कि गुफ्तार का ये गाजी तो बना किरदार का गाजी बन न सका. मायने ये कि बातों में ही उपदेशक हैं, चरित्र में नहीं. फिलहाल सवाल ये भी है कि उमा भारती का इशारा किस तरफ है.
जीतने वाले के सिलेक्शन पर उमा की नसीहत:उमा भारती ने आज ट्वीट के जरिए कहा कि "हमारी पार्टी बीजेपी के उम्मीदवारों की चौथी सूची आ चुकी है. उम्मीदवारों की इन चारों सूची के बारे में मध्यप्रदेश के हमारे कार्यकर्ता और हमारे मतदाता से बात करके मेरी जो धारणा बनी है, सभी को और मुझको आश्चर्य एवं प्रसन्नता का मिला जुला भाव है. उससे मैंने दिल्ली एवं मध्यप्रदेश के सभी वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व को अवगत करा दिया है. हमने शायद जीतने की योग्यता को ही आधार माना है, हमारी पार्टी निष्ठा और नैतिक मूल्यों की पुजारी रही है. हमें जीतने की लालसा एवं पराजय के भय से मुक्त होना चाहिए और दिखना भी चाहिए."
इकबाल के शेर के बहाने किस पर निशाना: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने इस ट्वीट में एक अल्लामा इकबाल के एक शेर का हवाला भी दिया है. शेर ये है कि "गुफ्तार का ये गाजी तो बना किरदार का गाजी बन ना सका..." शेर के मायने ये हैं कि उपदेशक होकर केवल बातें ही की, किरदार यानि चरित्र में कोई फर्क नहीं आया.. अब सवाल ये कि उमा ने इस शेर के जरिए किस पर निशाना साधा है.