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लालू के पीकदान में थूकने और IAS अफसर को थमा देने का किस्सा सुना, उमा भारती ने दी सफाई, ब्यूरोक्रेट्स को लेकर दिया था बयान - Uma again clarified on the statement of bureaucracy

ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान पर उमा (Uma Bharti) ने फिर दी सफाई. बयान पर दुख जाहिर करते हुए ब्यूरोक्रेट्स को नसीहत दी, साथ ही कई सारे किस्से भी सुनाए.

ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान पर उमा ने फिर दी सफाई, लालू का किस्सा सुनाया
ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान पर उमा ने फिर दी सफाई, लालू का किस्सा सुनाया

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Published : Sep 22, 2021, 10:08 AM IST

Updated : Sep 22, 2021, 5:27 PM IST

भोपाल। ब्यूरोक्रेट्स की गरिमा को कम करने वाले अपने बयान को लेकर चौतरफा घिरी उमा भारती लगातार सफाई देने में व्यस्त हैं. उमा भारती (Uma Bharti) ने अपनी सफाई पेश करते हुए एक के बाद एक कई सारे ट्वीट किए. इन ट्वीट के जरिए उमा ने अपने बयान पर सफाई तो दी ही, साथ ही कई ऐसे किस्से भी बताए. जो ब्यूरोक्रेसी का राजनेताओं द्वारा गलत इस्तेमाल करने से भी जुड़े हुए थे. उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़ा एक किस्सा भी ट्विटर पर शेयर किया.

लालू ने पीकदान में थूका और नीचे रखने के लिए IAS को थमाया

ट्वीट में उमा भारती ने अपने केन्द्रीय मंत्री, फिर मुख्यमंत्री बनने और पार्टी से निकाले जाने के दौरान अधिकारियों के बदलाव और व्यवहार के बारे में बात की. इन ट्वीट में उमा भारती ने बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के बारे में कुछ ट्वीट किए हैं, जो अब चर्चा में है. उमा ने बताया कि "साल 2000 में जब मैं केंद्र में पर्यटन मंत्री थी, तब बिहार में वहां की मुख्यमंत्री राबड़ीदेवी (Rabri Devi) और उनके पति लालू यादव (Lalu yadav) के साथ मेरा पटना से बोधगया हेलिकॉप्टर से जाने का दौरा हुआ. हेलिकॉप्टर में हमारे सामने की सीट पर बिहार राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी बैठे हुए थे. लालू यादव ने मेरे ही सामने अपने पीकदान में थूका और उस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के हाथ में थमाकर उसको खिड़की के बगल में नीचे रखने को कहा और उस अधिकारी ने ऐसा कर भी दिया."

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बिहार में पीकदान को मुद्दा बनाया

उमा ने आगे लिखा कि "इसलिए 2005-06 में जब मुझे बिहार का प्रभारी बनाया गया और बिहार के पिछड़ेपन के साथ मैंने पीकदान को भी मुद्दा बनाया और पूरे बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की. आज आप इनका पीकदान उठाते हो, कल हमारा भी उठाना पड़ेगा. अपनी गरिमा को ध्यान में रखो तथा पीकदान की जगह फाइल और कलमदान से चलो."

ब्यूरोक्रेट्स को दी नसीहत

इन ट्वीट में उमा ने कई और किस्सों का भी जिक्र किया है. जैसे सीएम बनने के बाद अधिकारियों का उनके प्रति कैसा व्यवहार था और सीएम पद से हटने के बाद और पार्टी से निकाले जाने के बाद अधिकारी किस तरह से उनसे कन्नी काटते थे. उमा भारती ने ब्यूरोक्रेट्स को नसीहत दी कि "वे निकम्मे और सत्तारुढ़ नेताओं से दूर रहें."

Last Updated : Sep 22, 2021, 5:27 PM IST

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