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मध्यप्रदेश में फिर आया सियासी भूचाल, राज्यसभा के दो उम्मीदवार बिगाड़ेंगे प्रदेश में सियासी गणित - bhopal news

मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के पहले एक बार फिर सियासी भूचाल आ गया है. एक और लापता विधायकों के वापस आने के बाद कांग्रेस आश्वस्त नजर आ रही थी, वहीं दूसरी ओर सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों गायब बताए जा रहे है. ऐसे में कांग्रेस के लिए राज्यसभा के लिए नामों का चयन करना मुश्किल बना हुआ है.

Rajya Sabha will not have a seat for Congress
कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगी राज्यसभा की राह

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Published : Mar 9, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Mar 9, 2020, 5:46 PM IST

भोपाल। राज्यसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश में सियासी तूफान आया हुआ है. विधायकों की वापसी के बाद कांग्रेस आश्वस्त नजर आ रही हो, लेकिन बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस के लिए राज्यसभा के लिए नामों का चयन करना मुश्किल बना हुआ है. माना जा रहा है कि 12 मार्च तक राज्यसभा के लिए भेजे जाने वाले दो नामों का ऐलान कर दिया जाएगा. विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में संकटमोचक बनकर उभरे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अघोषित रूप से इसकी दावेदारी कर दी है. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं.

कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगी राज्यसभा की राह

कांग्रेस में सिंधिया वर्सेस दिग्गी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का 9 अप्रैल को राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है. देखा जाए तो प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 2 विधायकों के निधन से अभी सदस्यों की संख्या 228 है. एक राज्य सभा सीट के लिए 58 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस की मौजूदा सदस्य संख्या के हिसाब से उसके खाते में 2 राज्य सभा सीटें आना तय माना जा रहा है. हालांकि वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के मुताबिक कांग्रेस में राज्यसभा सीटों का गणित जितना आसान दिखाई दे रहा है, उतना है नहीं. दिग्विजय सिंह किसी भी तरह राज्यसभा में जाना चाहते हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने राज्यसभा नहीं भेजा तो इसके परिणाम कांग्रेस के लिए बुरे हो सकते हैं. वह इसके लिए दूसरा रास्ता भी चुन लें.

सिंधिया समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा होगी तो प्रदेश सरकार में संकट के बादल मंडराने लगेंगे. उनके बयान का सिंधिया खेमे के दूसरे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी समर्थन कर चुके हैं. यह अलग बात है कि इसको लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया खामोशी ओढ़े हुए हैं, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे तूफान के पहले की शांति बता रहे हैं. बीजेपी में आ सकता है. चौंकाने वाला नामउधर बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को दूसरी सीट के लिए वॉक ओवर देने से इनकार कर दिया है. बीजेपी ने साफ कर दिया है कि राज्यसभा के चुनाव में वह अपने 2 उम्मीदवार उतारेगा. हालांकि विधानसभा में उसकी सदस्य संख्या इसके लिए पर्याप्त नहीं है.

बीजेपी को दूसरे उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा में 9 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी ने राज्यसभा के लिए अपने जंबो पैनल में 25 दावेदारों के नाम दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व को भेजे हैं. इनमें से दो उम्मीदवार कौन होगा, इसका फैसला बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति करेगी. वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटैरिया के मुताबिक बीजेपी में राज्यसभा के लिए नाम चौकाने वाला हो सकता है. मध्य प्रदेश के किसी पूर्व मुख्यमंत्री को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है. पिछली बार भी पैनल से हटकर नामों का ऐलान किया गया था. बीजेपी को दूसरे उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने कांग्रेस में घमासान का इंतजार है.

विधायकों की खरीद-फरोख्त से परेशान कांग्रेस ने भले ही निर्दलीय और कांग्रेस के विधायकों की वापसी कराने में सफलता पा ली हो, लेकिन अभी माना जा रहा है कि सब कुछ पूरी तरह से ठीक नहीं है. राज्यसभा के नामों के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में और उबाल आ सकता है.

Last Updated : Mar 9, 2020, 5:46 PM IST

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