भोपाल। डॉक्टर को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है. कोरोना जैसे विकट समय में अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमीदिया अस्पताल के दो डॉक्टर ने यह कहावत चरितार्थ कर दी है कि खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की देखभाल भी कर रहे हैं. यह मिसाल पेश की है हमीदिया में गांधी मेडिकल कॉलेज के दो जांबाज चिकित्सकों ने.
संकट में संभाला मोर्चा
खास बात यह है कि यह दोनों जिस कोविड वार्ड में अपना इलाज करा रहे थे. उसी वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को इलाज के जरिए काम भी करते रहे दोनों डॉक्टर्स का कहना है कि अगर इस संकट काल में हम ही हार मान कर बैठ गए तो मरीजों को कौन संभालेगा. इनमें एक डॉक्टर अनुराधा चौधरी जोकि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और डॉ. अनुराधा. पिछले 10 दिन से कोरोना की चपेट में है, उनका इलाज अस्पताल के ए ब्लॉक के सेकंड फ्लोर पर चल रहा है. लेकिन खुद संक्रमित होने के बावजूद भी डॉ. अनुराधा यहां वार्ड में भर्ती 20 से अधिक मरीजों को संभाल रही है, उनका इलाज कर रही हैं और उनका हौसला भी बढ़ा रही है.
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ऐसे ही जांबाज डॉक्टर अनुभव अग्रवाल भी जीएमसी में एमडी मेडिसिन थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें कोरोना संक्रमित होने पर हमीदिया में कोविड वार्ड ब्लॉक ए के फर्स्ट फ्लोर पर भर्ती होना पड़ा. लेकिन यहां पर उन्होंने मरीजों का ना केवल इलाज किया बल्कि वह जल्दी ठीक हो जाएं इसलिए उनका हौसला भी बढ़ाया.