भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से तीन दिन के लिए ट्रक-बस, टैंकर ऑपरेटर्स की चार सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल शुरु हो गई है. हड़ताल की वजह से माल और यात्री परिवहन व्यवस्था आज प्रभावित रही. ट्रांसपोर्टरों की मांग डीजल पर वैट कम करने से लेकर परिवहन विभाग की चौकियों पर भ्रष्टाचार को कम करने की है. मंगलवार को ट्रांसपोर्टर प्रदेश के चार आरटीओ बैरियर मुरैना, सेंधवा, मुलताई और मालथौन पर जाकर प्रदर्शन करेंगे.
ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर सरकार से मिले, लेकिन राज्य सरकार का रुख सकारत्मक नहीं दिखाई दिया. जिसके चलते उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने दावा किया की 10 अगस्त से आगामी 12 अगस्त तक हड़ताल के दौरान राज्य के छह लाख से अधिक ट्रक-बस और टैंकर के पहिये थमे रहेंगे.
ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि कोरोना में एक तरफ वो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं दूसरी ओर सरकार की ओर से रियायत तो दूर जुल्म किया जा रहा है. ट्रांसपोर्टर्स के मुताबिक दूसरे राज्यों में डीजल पर लगने वाला वैट कम है जबकि मध्यप्रदेश में वैट ज्यादा है. लिहाजा इसकी वजह से मध्यप्रदेश में डीजल के दाम दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं और मध्य प्रदेश का मोटर व्यवसाय दूसरे राज्यों के ट्रांसपोटर्स से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है. इससे लोगों को नुकसान हो रहा है.
ट्रांसपोर्टर्स की दूसरी शिकायत परिवहन विभाग को लेकर है. ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि परिवहन विभाग में अधिकारियों ने अपने गुंडे पाल कर रखे हुए हैं जो ट्रांसपोर्टर से ना केवल अभद्रता करते हैं बल्कि सामान्य से कई गुना ज्यादा फीस वसूलते हैं. ऐसे में जो ट्रांसपोर्ट कोरोना वायरस के संकट काल में जैसे तैसे गाड़ी चला रहा हैं उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ट्रांसपोर्टर्स की तीसरी मांग ड्राइवर और कंडक्टर को लेकर है. उनका कहना है कि जिस तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों और पुलिस को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है. इसी तरीके से कोरोना वायरस के संकट काल में ड्राइवर और कंडक्टर ने भी लोगों को जरूरी सामान पहुंचाकर कोरोना वॉरियर्स जैसा ही काम किया है. लेकिन इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाले बीमा का लाभ नहीं मिला है. इसलिए सरकार जब तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तब तक भी कामकाज बंद रखेंगे.