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एमपी में ट्रक-बस और टैंकर ऑपरेटर्स हड़ताल पर, समर्थन में कांग्रेस - एमपी में ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल

मध्यप्रदेश में चार सूत्रीय मांगो को लेकर ट्रक-बस, टैंकर ऑपरेटर्स ने तीन दिन की हड़ताल की है. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी इनकी मांगों का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है.

Transporters strike in MP
एमपी में ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल

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Published : Aug 10, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 8:11 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से तीन दिन के लिए ट्रक-बस, टैंकर ऑपरेटर्स की चार सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल शुरु हो गई है. हड़ताल की वजह से माल और यात्री परिवहन व्यवस्था आज प्रभावित रही. ट्रांसपोर्टरों की मांग डीजल पर वैट कम करने से लेकर परिवहन विभाग की चौकियों पर भ्रष्टाचार को कम करने की है. मंगलवार को ट्रांसपोर्टर प्रदेश के चार आरटीओ बैरियर मुरैना, सेंधवा, मुलताई और मालथौन पर जाकर प्रदर्शन करेंगे.

ट्रक-बस और टैंकर ऑपरेटर्स हड़ताल पर हैं

ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर सरकार से मिले, लेकिन राज्य सरकार का रुख सकारत्मक नहीं दिखाई दिया. जिसके चलते उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने दावा किया की 10 अगस्त से आगामी 12 अगस्त तक हड़ताल के दौरान राज्य के छह लाख से अधिक ट्रक-बस और टैंकर के पहिये थमे रहेंगे.

ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि कोरोना में एक तरफ वो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं दूसरी ओर सरकार की ओर से रियायत तो दूर जुल्म किया जा रहा है. ट्रांसपोर्टर्स के मुताबिक दूसरे राज्यों में डीजल पर लगने वाला वैट कम है जबकि मध्यप्रदेश में वैट ज्यादा है. लिहाजा इसकी वजह से मध्यप्रदेश में डीजल के दाम दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं और मध्य प्रदेश का मोटर व्यवसाय दूसरे राज्यों के ट्रांसपोटर्स से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है. इससे लोगों को नुकसान हो रहा है.

मांगें पूरी ना होने तक हड़ताल जारी रहेगी

ट्रांसपोर्टर्स की दूसरी शिकायत परिवहन विभाग को लेकर है. ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि परिवहन विभाग में अधिकारियों ने अपने गुंडे पाल कर रखे हुए हैं जो ट्रांसपोर्टर से ना केवल अभद्रता करते हैं बल्कि सामान्य से कई गुना ज्यादा फीस वसूलते हैं. ऐसे में जो ट्रांसपोर्ट कोरोना वायरस के संकट काल में जैसे तैसे गाड़ी चला रहा हैं उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ट्रांसपोर्टर्स की तीसरी मांग ड्राइवर और कंडक्टर को लेकर है. उनका कहना है कि जिस तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों और पुलिस को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है. इसी तरीके से कोरोना वायरस के संकट काल में ड्राइवर और कंडक्टर ने भी लोगों को जरूरी सामान पहुंचाकर कोरोना वॉरियर्स जैसा ही काम किया है. लेकिन इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाले बीमा का लाभ नहीं मिला है. इसलिए सरकार जब तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तब तक भी कामकाज बंद रखेंगे.

ट्रांसपोर्टर्स ने सरकार के सामने कुछ मांगें रखी हैं

ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि नियमों के नाम पर अधिकारी कर्मचारी ट्रांसपोर्टर्स और ट्रक कारोबारियों को ज्यादा परेशान कर रहे हैं. सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए. क्योंकि जिस तरीके से दूसरे व्यापारियों को सरकार मदद करती है. उसी तरीके से इस सेक्टर को भी सरकार को मदद करनी चाहिए. इससे बहुत बड़ा रोजगार और राजस्व सरकार को प्राप्त होता है

ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल को अब कांग्रेस ने भी समर्थन कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि ट्रक और बस ऑपरेटर्स की मांगों को माना जाये और उन्हें राहत प्रदान की जावे.

कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि प्रदेश में ट्रक ऑपरेटर्स और बस ऑपरेटर्स कोरोना के इस संकट काल को देखते हुए डीज़ल पर लगने वाले करो में कमी व रोड टैक्स सहित अन्य करो में राहत की मांग निरंतर कर रहे हैं. मैंने भी कई बार इनकी मांगों को दोहराया है व मुख्यमंत्री को इस संबंध में राहत प्रदान करने संबंधी पत्र भी लिखे हैं.

कमलनाथ ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस ट्रक ऑपरेटर्स की मांगों का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करते हैं कि जनहित में ट्रक ऑपरेटर्स की मांगों को तत्काल मान कर राहत प्रदान की जाए.

कमलनाथ ने कहा ‘पूरे प्रदेश में बस ऑपरेटर्स ने विरोधस्वरुप अपनी बसो का संचालन बंद कर रखा है और अब आज से ट्रक एसोसिएशन ने भी प्रदेश में तीन दिवसीय हड़ताल का आव्हान किया है। इससे व्यापार-व्यवसाय प्रभावित होगा व बसो के बंद रहने से आम जनजीवन पहले से ही प्रभावित है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 8:11 PM IST

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