भोपाल। अस्पताल में दूसरे शहर से आए मरीजों के लिए उनके परिवार, रिश्तेदार खाने-पीने का इंतजाम कर देते हैं, लेकिन बाहर से आने वाले कई मरीज ऐसे होते हैं. जिनका शहर में कोई नहीं होता है. उनके लिए सुबह खाने-पीने का इंतजाम मुश्किल होता जा रहा है. कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण सभी दुकानें और होटल बंद होने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. मरिजों के परिजन दिनभर भुखे रहकर अस्पताल के बाहर अपनों के ठीक होने का इंतजार करते है.
- परिजनों को नहीं मिलता खाना
सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं तो बेहतर हैं, लेकिन बड़ी परेशानी यहां बाहर से आने वाले मरीज और उनके परिजनों को हो रही है. परिजनों के लिए खाने की चीजों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि अस्पताल के पास कोई ऐसा होटल नहीं है जो सुबह खुलता है. बाजार खुलने पर खाने का सामान मिल सकता है, लेकिन बाजार इन दिनों पूरी तरह से बंद हैं. ऐसे में उन मरीजों और परिजनों को भूखा रहना पड़ता है, जो बाहर से आए हैं और यहां उनका कोई परिचित नहीं है.
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- चाय और बिस्किट के अलावा कुछ नहीं मिलता