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MP में जनजातीय युवाओं को रोजगार दिलाने के प्रयास तेज - शिवराज - एमपी में जनजातीय युवाओं को हुनरमंद बनाने की कोशिश

MP में PM नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने एक बड़ा कार्यक्रम शुरु किया. इसके तहत एमपी में जनजातीय वर्ग के विकास का अभियान शुरु किया गया. देश के प्रथम जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज भोपाल में हुआ. मध्यप्रदेश से शुरू हुई पायलट आधार पर संसदीय संकुल परियोजना के जरिए जनजातीय युवाओं को रोजगार दिलाने के प्रयास तेज किए जाएंगे. सीएम शिवराज का दावा है कि इसके जरिए एमपी में जनजातीय लोगों की काया पलट होगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में 6 राज्यों के 15 जिले के युवक हुए शामिल.

Tribal youth employment in MP
एमपी में मिलेगा जनजातीय युवाओं को रोजगार

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Published : May 13, 2022, 8:16 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यकम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय युवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाएगा. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए चौहान ने कहा, एक तरफ जहां जनजातीय वर्ग के युवाओं को रोजगार चाहिए, वही ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी दक्षता वाले इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, वाहन मैकेनिक आदि की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से जनजातीय युवाओं के लिए संसदीय संकुल परियोजना में ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम सार्थक सिद्ध होगा.

PM मोदी का विजन: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैन ऑफ आयडियाज हैं. उनके ²ष्टिकोण और सबका साथ-सबका विकास की नीति के अनुरूप समाज के सबसे पिछड़ें वर्गों को बराबरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जनजातीय वर्ग की जिंदगी बदलने का अभियान संचालित किया जा रहा है. पेसा एक्ट लागू करने, वन ग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने, जनजातीय वर्ग के बच्चों को अध्ययन की सुविधाएं देने और ग्रामीण इंजीनियर तैयार करने की योजना में उन्हें महत्व देने के कदम उठाए गए हैं.

युवाओं को मिलेगा रोजगार: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय इलाकों में रोजगार के सीमित अवसर होते हैं. इस वजह से युवाओं को बाहर जाने की विवशता होती है. अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल जाने से स्थानीय सामाजिक-आर्थिक ढाँचा भी मजबूत होता है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस ²ष्टिकोण से ही 40 सासंदों के साथ मुम्बई संगोष्ठी में गहन विचार-विमर्श किया था. इसके बाद विशेषज्ञों और अनुसूचित जनजाति संगठनों से चर्चा की गई. लोकसभा और राज्यसभा के चयनित सांसदों ने 15 राज्यों के 49 समूह चुने. युवाओं को दो माह की अवधि के प्रशिक्षण से स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

जनजातीय युवाओं को हुनरमंद बनाने की कोशिश: कार्यक्रम के विशेष अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, तभी वे पलायन से बचेंगे. आज शिक्षकों, चिकित्सकों और अन्य पदों पर कार्य कर रहे लोग जनजातीय क्षेत्रों में कार्य की मन: स्थिति बनाने लगे हैं. यह जनजातीय वर्ग के हित में भी है. जनजातीय युवाओं से काफी आशाएं हैं। तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर वे रोजगार का सशक्त माध्यम चुने, जो जनजातीय समाज की बेहतरी के लिए आवश्यक है.

जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कलस्टर निर्माण: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के मुताबिक जनजातीय वर्ग के लिये तकनीकी प्रशिक्षण परियोजना महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी. राष्ट्रीय जनजातीय मोर्चा के अध्यक्ष समीर उरांव ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करने और रोजगार दिलवाने की यह महत्वपूर्ण योजना है. जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कलस्टर निर्माण कर कुछ ग्राम के समूह अथवा संकुल बनाकर कोर कमेटी के माध्यम से टीम तैयार की गई है. वनोत्पाद, खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में कौशल विकास और प्रशिक्षण से युवाओं को दक्ष बनाकर रोजगार सृजन के प्रयास किए जाएंगे. --आईएएनएस

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