भोपाल।मध्यप्रदेश नवाचार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू करने वाला पहला राज्य है, मध्यप्रदेश के प्राध्यापक ई-कंटेंट निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. विगत दो वर्षों में विभाग के प्राध्यापकों ने उच्च गुणवत्तायुक्त ई-कंटेंट बनाये हैं, जिससे न केवल सुदूर अंचलों में पढ़ रहे विद्यार्थी, बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी भरपूर लाभ मिला है. ई-कंटेंट बौद्धिक संपदा निश्चित रूप से सम्पूर्ण विश्व के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, यह बात मप्र उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (MP minister Mohan Yadav) ने सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के ई-कंटेन्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही.
डिजिटल युग में शिक्षा ने लिया नया रूप: मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, "कोरोना काल में शिक्षा ने एक नया रूप लिया, डिजिटल युग की नई शुरूआत हर क्षेत्र में तेजी से हुई. इस काल में आपदा में अवसर ढूँढा गया, ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था ने नये आयाम खोले. शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक प्रथम चरण में 800 से अधिक ई-कंटेंट एल.एम.एस. पोर्टल पर उपलब्ध कराए गए, जिसमें लगभग साढ़े 4 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं. सत्र 2022-23 में स्नातक द्वितीय वर्ष के लिए 700 से अधिक ई-कंटेंट पोर्टल पर उपलब्ध हैं."
ये 3 पीढ़ियों का मिलन:कार्यक्रम के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि, "इस समय हम तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ हैं, पहली पीढ़ी जो तकनीक नहीं जानती, दूसरी जो तकनीक सीख रही है और तीसरी पीढ़ी जो तकनीक के इस युग में ही पैदा हुई है. आजकल विद्यार्थी भी अच्छी सामग्री सोशल मीडिया और यूट्यूब पर डाल रहे हैं."
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प्रतिभागियों ने सीखे ई-कंटेंट डेवलपमेंट के गुर:प्रशिक्षण के प्रथम-सत्र में उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल के निदेशक डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल ने ‘ई-कंटेंट के विविध प्रकार’ विषय पर स्टूडियो में की जाने वाली रिकॉर्डिंग, लेपटॉप से पीपीटी आधारित रिकॉर्डिंग और मोबाइल से की जाने वाली रिकॉर्डिंग के फायदे और चुनौतियों के बारे में बताया गया. डॉ. निशीथ दुबे ने बताया कि कैसे ई-कंटेन्ट को रोचक बना सकते हैं, विद्यार्थी को इससे बेहतर मोटिवेशन मिलेगा और उसे विषय से जोड़ कर रखा जा सकेगा. उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान के अजय कुमार भारद्वाज ने पैडागोजीकल इश्यू के बारे में बताया, उन्होंने स्टोरी बोर्ड का प्रयोग कर किस प्रकार अपनी बात विद्यार्थी तक सरल तरीके से पहुँचा सकते हैं, इसके विभिन्न तरीके बताए. अन्तिम-सत्र में सभी प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी तकनीकी जिज्ञासाओं का समाधान हैंड्स ऑन प्रेक्टिस के माध्यम से किया.