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विरासत संभालने के लिए बीजेपी नेताओं के वारिसों को दी जा रही ट्रेनिंग ?

बीजेपी नेता अपने पुत्रों को राजनीति के दंगल में उतारने के लिए उन्हें तराश रहे हैं. इसके लिए युवा मोर्चा ने सरकार के विरोध और युवाओं के हक की लड़ाई लड़ने में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए इस समिति को काम सौंपा है.

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Published : Sep 29, 2019, 3:22 PM IST

बीजेपी नेताओं के वारिसों को दी जा रही ट्रेनिंग

भोपाल। विपक्ष में रहते हुए अब बीजेपी के दिग्गज नेता अपने पुत्रों की पॉलिटिक्स में परफेक्शन लाने के लिए संघर्ष की ट्रेनिंग देने जा रहे हैं. इसके लिए नेता पुत्रों ने तैयारी भी शुरू कर दी है. नेता पुत्र जमीनी कार्यकर्ता की तरह लाठी-डंडे और झंडे की राजनीति सीख सकें इसके लिए बीजेपी नेताओं ने उन्हें आंदोलन और धरना प्रदर्शन की कमान सौंपी है. बीजेपी की इस योजना के तहत कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की कमान इन नेता पुत्रों को सौंपी गई है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, अर्चना चिटनिस और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे शामिल हैं.

बीजेपी नेताओं के वारिसों को दी जा रही ट्रेनिंग

हमेशा वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं को घेरने वाली बीजेपी अब खुद वंशवाद के नक्शे कदम पर चलने लगी है. जिस तरह प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की कमान इन नेताओं को सौंपी है. उससे ये साफ जाहिर है कि अब बीजेपी नेता अपने पुत्रों को राजनीति के दंगल में उतारने के लिए उन्हें तराशने के लिए मैदान में उतार रही है. भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की एक समिति बनाई है, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री डॉक्टर गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा के बेटे शुक्रण मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बेटे तुषमुल झा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को ये जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए युवा मोर्चा ने सरकार के विरोध और युवाओं के हक की लड़ाई लड़ने में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए इस समिति का काम सौंपा है.

अब ये बात तो तय है कि बीजेपी के दिग्गज नेता अपने पुत्रों को सक्रिय राजनीति की फ्रंट डोर एंट्री के लिए तैयार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेता वंशवाद का विरोध करते रहे हैं. इस बार भी मोदी ने एक परिवार का टिकट फार्मूला के तहत नेता पुत्रों को टिकट नहीं दिया था. माना जा रहा है मध्यप्रदेश के नेताओं ने इसी फार्मूले का तोड़ निकाला है और अपने पुत्रों को लॉन्च करने के लिए ये नया लॉन्चिंग पैड तैयार किया है. वहीं पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता नेता है और जो काम करेगा उस को मौका मिलना चाहिए.

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