भोपाल।प्रदेश में 6 से 12 तक के सभी स्कूल 50% विद्यार्थी क्षमता के साथ आज यानी 1 सितंबर से खोले जा रहे हैं. इस व्यवस्था में अभिभावकों की सहमति अनिवार्य की गई है. साथ ही स्कूल प्रबंधन (school management) और अभिभावकों (Parents) को कोरोना प्रोटोकॉल (Corona protocol) का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
कहीं बेहतर तो कहीं बदतर स्थिति
प्रदेश में करीब 18 महीने बाद खुले स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सख्ती के साथ किया जा रहा हैं. भोपाल (Bhopal), इंदौर (Indore), जबलपुर (Jabalpur), आदि शहरों के सभी स्कूलों की तैयारी ठीक दिखाई दी. लेकिन ग्रामीण इलाकों के स्कूलों की स्थिति ठीक नजर नहीं आई, यहां स्कूल प्रबंधन की ओर से न कोई इंतजाम किया गया और न ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होता नजर आया. ऐसा ही हाल देखने को मिला रतलाम (Ratlam) और शिवपुरी (Shivpuri) के स्कूल परिसर में, जहां शिवपुरी का स्कूल आदेश के बाद भी बंद नजर आया, तो रतलाम के स्कूल ग्राउंड में जानवर घास चरते नजर आए.
यहां दिखा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
वहीं दूसरी ओर भोपाल और इंदौर के साशकीय स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन पूरी सख्ती के साथ कराया गया है. इन स्कूलों में थर्मल स्क्रीन, मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. इसके अलावा बच्चों के खाने-पीने के सामान पर भी खास ध्यान रखा गया. भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित शासकीय विद्या विहार स्कूल में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां बच्चों से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए शिक्षकों की एक कोरोना कामेटी भी बनाई गई है. इनका काम स्कूल में पूरी व्यवस्था बनाने से लेकर बच्चों को कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने का है.