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बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स-कमिश्नर्स के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों आई बाढ़ उससे प्रभावित लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर सभी कलेक्टर्स-कमिश्नर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रालय में बैठक की.

CM held a conference meeting with all collectors-commissioners of the state
सीएम ने की प्रदेश के सभी कलेक्टर्स-कमिश्नर्स के साथ कॉन्फ्रेंस बैठक

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Published : Sep 3, 2020, 12:44 PM IST

भोपाल। प्रदेश में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ की वजह से लोगों को परेशानियां उठानी पड़ी हैं. लगातार हुई बारिश के कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, इसके अलावा बारिश कम होने के बाद मौसमी बीमारी होने का डर भी सताने लगा है. जिसे देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टर्स-कमिश्नर्स के साथ बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सहित सभी कमिश्नर्स, आईजी, कलेक्टर्स और एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद रहे.

इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में भीषण बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई, लेकिन मशीनरी ने जिस मुस्तैदी के साथ पीड़ितों को राहत पहुंचाई है, वह काबिले तारीफ है. अमले ने कोरोना संकट, बाढ़ जैसी आपदा और त्योहारों पर जिस संवेदनशीलता एवं कर्तव्य पराणयता के साथ कार्य किया, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं. सबके समन्वित प्रयासों से जनहानि रोकने में तो सफल रहे. वहीं बाढ़ प्रभावितों को हरसंभव सहायता देनी है, जिससे उनका जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही मौसमी बीमारियों की रोकथाम और इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही समय पर नुकसानी का सर्वे पूरा कर मुआवजा देने का काम युद्धस्तर पर किया जाए, जिसके लिए सभी तेजी से काम करें.

सीएम ने कहा कि बाढ़ के बाद मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायें, साफ पानी, ब्लीचिंग पाउडर तथा अन्य दवाओं की उपलब्धता, स्वच्छता और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये. प्रदेश के कई स्थानों से सोयाबीन की फसल में येलो मोजेक कीट लगने की सूचना है, जिसकी रोकथाम के लिए हर संभव उपाय सुनिश्चित किए जाएं. बाढ़ से जिन लोगों के मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके लिए आरबीसी 6/4 के साथ मनरेगा के तहत तत्काल सहायता की व्यवस्था किया जाए, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हरसंभव सहयोग के प्रयास किए जाएं.

इसके अलावा सीएम ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उर्वरक वितरण करने में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है तो उसकी 30 दिनों में विवेचना पूरी कर चालान पेश करने की कार्रवाई की जाए. असामान्य परिस्थिति में किसानों की जानकारी पंजीयन में दर्ज कर उन्हें तत्काल उर्वरक दिया जाए. क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट समय पर कराना सुनिश्चित करें, ताकि संकट के समय किसानों को उपयुक्त मदद मिल सके. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन किसानों के आवेदन जमा हैं, पोर्टल खुलवाकर उनका बीमा कराया जाए.

उन्होंने कहा कि इस साल धान उपार्जन का लक्ष्य 40 लाख मीट्रिक टन का है, पंजीयन की प्रक्रिया 15 सितम्बर से आरंभ होगी. उपार्जन के लिए बारदाना की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए और खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे सारी प्रक्रिया समय रहते और सुगम तरीके से संभव हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स का धंधा करने वालों, चिटफंड कम्पनियों, खाद और राशन की कालाबाजारी करने वालों, मिलावटखोरों, अवैध शराब बनाने और बेचने वाले माफिया, भू-माफिया, सम्पत्ति हड़पने वाले सहकारी माफिया, शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों, अवैध उत्खननकर्ता, साइबर क्राइम में लगे लोगों और आदतन अपराधियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

उन्होंने महिलाओं और बेटियों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन गतिविधियों में लगे लोगों को सूचीबद्ध कर कार्रवाई की जाए. बैठक में महिला सुरक्षा, विशेषकर ब्लैकमेल करने जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए विशेष व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जले हुए और खराब ट्रांसफार्मर युद्ध स्तर पर बदले जाएं, सुनिश्चित करें कि बिजली की अनावश्यक कटौती न हो, बिजली के गैर वाजिब बिल न भेजे जाएं. 7 सितम्बर से खाद्यान्न वितरण अभियान जिला स्तर पर आरंभ होगा, प्रत्येक राशन दुकान पर भी कार्यक्रम आयोजित कर खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया शुरु की जाएगी. इसमें कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी सभी सावधानियों का पालन आवश्यक रूप से सुनिश्चित किया जाए.

कलेक्टर समन्वयक की भूमिका निभाकर पथ विक्रेता उत्थान योजना के पात्र हितग्राहियों के प्रकरण शीघ्र पूर्ण कराना सुनिश्चित कराएं, ये सुनिश्चित किया जाए कि पुलिसकर्मी और नगरीय निकाय का अमला पथ विक्रेताओं को कार्य करने में अथवा ठेला लगाने पर परेशान न करे. आदिवासियों के पूर्व में निरस्त वनाधिकार पट्टों के दावों का पुन: परीक्षण किया जाए, साथ ही पात्र पाए जाने की स्थिति में उन्हें वनाधिकार पट्टा प्रदान किया जाए.

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