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तनाव और अवसाद के शिकार हो रहे लोग, ईटीवी भारत पर जानिए डिप्रेशन से बचने के उपाय

कोरोना वायरस के बाद इसे रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया, तकरीबन तीन महीने बाद लॉकडाउन में राहत देते हुए सरकार ने अनलॉक कर दिया है. हालांकि अब भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. भारत में अब भी कई लोग अपने परिवारों, अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से दूर हैं और अकेलापन महसूस कर रहे हैं. जिससे उनमें तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे हालातों में ETV भारत ने मनोवैज्ञानिक से खास बातचीत कर आपके लिए लाए हैं खास उपाय. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Jun 24, 2020, 1:29 PM IST

tips to get relieve from stress
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भोपाल। कोरोना महामारी के कारण देश भर में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सबसे ज्यादा लोगों को आर्थिक तंगी की मार झेलनी पड़ रही है, जिससे आम आदमी के जीवन में तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी तनाव में घुटते-घुटते लोग मानसिक अवसाद यानि की डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं. इसी अवसाद का शिकार होकर कई लोगों ने सुसाइड तक कर लिया. जिसे ध्यान में रखते हुए समझा जा सकता है डिप्रेशन इंसान को काफी निराश कर सकता है और तो और जीने की इच्छा तक खत्म देता है. इस मुसीबत की घड़ी से लड़ने और इस दौर मे लोगों को तनाव से बचाने के लिए ETV भारत ने मनोवैज्ञानिक गौरव गिल से खास बातचीत की. जानें कैसे आप इस मुश्किल भरे दौर में मजबूत और रिलेक्स रह सकते हैं.

डिप्रेशन से बचने के उपाय

क्या हैं मानसिक तनाव के लक्षण ?

  • नींद में होगा असर

मनोवैज्ञानिक गौरव गिल ने बताया कि जैसे ही कोई शख्स डिप्रेशन में जाना शुरू करता है, सबसे पहले असर उसकी नींद पर दिखने लगता है. ऐसे में वो शख्स या तो ज्यादा सोने लगता है या उसे नींद नहीं आती है.

  • मनपसंद काम में नहीं लगता मन

तनाव से ग्रसित शख्स की रुचि धीरे-धीरे उसके मनपसंद कामों से जाने लगती है, जो काम कभी शख्स के लिए बेहद मनोरंजक हुआ करता था, उस काम से ही वो अपना इंटरेस्ट खोने लगता है.

  • आत्मग्लानि का आभास

जब शख्स किसी अवसाद का शिकार हो जाता है तो वह धीरे-धीरे घटना के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने लगता है. जिस वजह से वह हर बात को खुद से जोड़ते हुए आत्मग्लानिकरने लगता है.

  • लॉस ऑफ एनर्जी

मनोवैज्ञानिक गौरव गिल ने बताया कि अवसाद का शिकार होने के बाद थकावट महसूस होने लगती है. व्यक्ति दिन-भर थका-थका महसूस करेगा.

  • सुसाइड के आने लगते हैं ख्याल

कई बार अवसाद से ग्रसित शख्स को सुसाइड का ख्याल आने लगता है. ऐसे में अगर वो आपसे इस बारे में बात करे, तो आपको उसकी बात को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके साथ ही कभी-भी किसी के सुसाइड के ख्याल को जज नहीं करना चाहिए.

  • अवसाद में शख्स किसी भी बात पर ध्यान नहीं लगा पाता.
  • शख्स की भूख पर भी खासा असर पड़ता है, या तो वो कम खाना खाने लगता है या फिर अपनी खुराक से ज्यादा.
  • बॉडी मूवमेंट और चलने-फिरने की बजाय शख्स एक कमरे में अकेले ही रहना पसंद करेगा.

तनाव के क्या हो सकते हैं कारण?

  • रेग्यूलर नेगेटिव न्यूज

आज के आधुनिक दौर में हर कोई लगातार देश-भर में घट रही हर एक खबर से अपडेट रहता है, लेकिन लगातार नकारात्म खबरों से हमारे मस्तिष्क पर खासा असर पड़ता है. एक समय बाद काफी नेगेटिव सोच होने लगती है और तनाव बढ़ने लगता है.

  • आर्थिक तनाव

फिलहाल अभी सब लोग अपने घरों में हैं. हालांकि कुछ लोग अपने घर से काम कर रहे हैं, वहीं बहुत सारे लोग फ्री बैठे हैं, जिस वजह से उन्हें फाइनेंशियल तनाव हो रहा है. इसके साथ ही अभी सब लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, कहीं भी बाहर आना-जाना नहीं हो रहा है. यही वजह है कि लोगों में तनाव बढ़ रहा है.

तनाव का कैसे पड़ता है लाइफस्टाइल पर असर?

  • चिड़चिड़ापन

हाल ही में सब लोग अपने घर में हैं. जिस वजह से सबका रेगुलर रूटीन बिगड़ गया है. सोने का समय बदल गया है, वहीं खाना-पीना भी निर्धारित समय पर नहीं हो रहा है. जिस वजह से चिड़चिड़ापन होने लगता है.

  • छोटी-छोटी बात पर गुस्सा होना

तनाव का असर शख्स पर ऐसा होता है कि वो छोटी-छोटी बात पर रिएक्ट करने लगता है. मामूली सी गलती पर गुस्सा हो जाना या किसी बात पर अचानक भड़क जाना.

  • हाइपरटेंशन या हाइ ब्लड प्रेशर

तनाव के कारण हाइपरटेंशन या हाइ बल्ड प्रेशर की भी शिकायत आने लगती है. कई बार ब्लड शुगर इंबैलेंस हो जाता है.

इमोशनल ईटिंग

तनाव में आकर कई बार कोई शख्स इमोशनल होकर ज्यादा खाना खाने लगता है.

खान-पान की तनाव में भूमिका?

खान-पान का हमारे सेहत में बहुत फर्क पड़ता है.इसलिए हमारे रुटीन डाइट में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटमिन का शामिल होना बहुत जरुरी है. इसके साथ-साथ मौसमी फलों का होना भी बहुत जरूरी है.

तनाव को दूर करने के उपाय

  • योग

योग के विभिन्न आसन की प्रैक्टिस से मन को शांति और बॉडी को रिलेक्स मिलता है. साथ ही मानसिक तनाव कम करने में भी योग एक अहम भूमिका निभाता है, इसलिए रोजाना योग करना चाहिए.

  • मेडिटेशन

रोजाना महज पांच मिनट का मेडिटेशन(ध्यान) भी दिनभर के तनाव से दूर रखता है. इसके अलावा मेडिटेश से ध्यान करने से आप एनर्जेटिक भी रहते हैं. इसलिए मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें.

  • म्यूजिक सुनें

म्यूजिक हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालते हैं. ज्यादा तनाव हो तो एक ब्रेक लें और चाय पीते हुए अपने पसंदीदा गाने सुनें. इससे आप कुछ देर बाद तरोताजा महसूस करेंगे.

तो दोस्तों, हमारे लिए ये समझना बेहद जरुरी है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की तरह तनाव भी उतना ही जानलेवा है. अगर तनाव को कंट्रोल ना किया जाए तो यह शरीर में भारी उथल-पुथल मचा सकता है. इसलिए अपने आप को पूरी तरह से रिलेक्स रखते हुए हर परिस्थिति से लडे़. और मनोवैज्ञानिक गौरव गिल ने जो उपाय बताए हैं, उनको अपनाएं.

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