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ISBT पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम, महिला मैत्री, सुरक्षा गार्ड और CCTV से रखी जाती है अपराधों पर नजर - एएसपी राजेश भदौरिया

कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल (आईएसबीटी) में सुरक्षा के कड़े इंतजाम है. ईएसबीटी पर पुलिस चौकी 3 साल पहले बनाई गई यह चौकी खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है. महिलाओं की मदद के 16 महिला मैत्री काम करती है, जो 24 घंटे अलग अलग शिफ्टों में चौकी पर रहती है.

Kushabhau Thakre Bus Terminal
कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल

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Published : Dec 18, 2020, 5:39 PM IST

भोपाल। कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल राजधानी का एक मात्र इंटर स्टेट बस टर्मिनल है. यहां से 6 राज्यों के लिए बसें संचालित होती है. 2010 में बना यह बस टर्मिनल 48 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है. आज इस बस टर्मिनल पर 400 से अधिक बसें रोजाना चलती है. महिलाओं की सुरक्षा की अगर हम बात करे तो यहां महिला चौकी बनने के बाद अपराधों में कमी आई है. आईएसबीटी पर पुलिस चौकी 3 साल पहले बनाई गई यह चौकी खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है. यहां महिलाओं की मदद के 16 महिला मैत्री काम करती है, जो 24 घंटे अलग अलग शिफ्टों में चौकी पर रहती है.

चौकी बनने के बाद कम हुए अपराध
आईएसबीटी राजधानी का एकमात्र अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल है, जहां से रोजाना विभिन्न राज्यों की यात्री बसे गुजरती है. महिलाओं की माने तो आज से 3 साल पहले तक आईएसबीटी उतना सुरक्षित नहीं था, जितना कि महिला चौकी बनने के बाद हुआ है. आईएसबीटी पर चौकी बने 3 साल हो चुके हैं और इन 3 सालों में अपराध कुछ हद तक कम हुए हैं. महिलाओं ने बताया पहले आईएसबीटी पर स्ट्रीट लाइट्स भी नहीं हुआ करती थी ऐसे में जब रात के समय बसें रुकती थी तो मन में एक डर बना रहता था ,लेकिन जब से चौकी बनी है तब से यह डर खत्म हो चुका है.

कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल
पिछले 3 माह में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज

एएसपी राजेश भदौरिया का कहाना है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए आईएसबीटी पर 16 महिला मैत्री सक्रिय रहती है. अगर किसी महिला यात्री को किसी प्रकार की शंका या डर है, तो वो चौकी पर कंप्लेंट कर सकती है. इसके साथ ही एक टोलफ्री नम्बर भी जारी किया गया है, जिसपर महिलाएं फोन लगा सकती है. ऐसी अवस्था में फोन कॉल पर पुलिस तुरंत एक्शन लेती है. फिर चाहे चोरी की वारदात हो या फिर छेड़छाड़ का मामला. उन्होंने कहा आईएसबीटी पर छेड़छाड़ के मामले बहुत कम आते है. ज़्यादातर मामले ऐसे होते है जहां दूसरे राज्य से कोई युवती को बहला फुसला कर लाया हो या यहां से किसी युवती को दूसरे राज्य लेकर जा रहा हो. पिछले 3 महीने में ऐसे 7 से 8 मामले दर्ज हुए है और सभी मामलों में तुरंत कार्रवाई की गई है.

6 राज्यों के लिए चलती है बस

आईएसबीटी चौकी प्रभारी ने बताया कि आईएसबीटी से 6 राज्यों की बसे चलती है, जो यात्री अन्य राज्यों से यहा आते है. उनके लिए आईएसबीटी पर सुरक्षा के खास इंतजाम है. आईएसबीटी पर 8 सीसीटीवी कैमरे है जो पार्किंग एरिया से लेकर बाहर सड़क तक लगे हुए है. इन कैमरों की मोनिटरिंग चौकी पर ही कि जाति है. आईएसबीटी पर शिकायत कक्ष भी है. आईएसबीटी पर ड्यूटी पर तैनात रहने वाले सुरक्षा गार्डों का कहना है कि यहां लगातार पेट्रोलिंग चलती है. कई ऐसे यात्री आते है जिन्हें स्टॉप से उनके घरों तक जाने के लिए रात को साधन नहीं मिलता, ऐसे यात्रियों के लिए भी आईएसबीटी चौकी पर मदद दी जाती है.

आईएसबीटी बस टर्मिनल राजधानी का एक मात्र अंतरराज्यीय बस टर्मिनल है. यहा पर सिटींग से लेकर सुरक्षा के इंतजाम तक किए गए हैं. बस टर्मिनल 6 से अधिक राज्यों की बसें संचालित होती है. गुजरात, बैंगलौर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और अन्य बसों के लिए पार्किंग, जन सुविधाएं,कॉमन ऑफिस,कंपलेक्स शॉपिंग के लिए अलग से कमर्शियल स्थान और पेट्रोल पंप अन्य सुविधाओं से जुड़े स्टोर रिपेयर सर्विस स्टेशन आईएसबीटी में उपलब्ध है.

पिछले 6 माह में दर्ज मामले
आईएसबीटी पर पिछले 6 माह की अगर हम बात करे तो छेड़छाड़ के 14 चोरी के 25 और महिलाओं को बहला फुसला कर अन्य राज्यों से लाये गए 17 मामले दर्ज है. वहीं पिछले 1 माह में 5 ऐसे मामले सामने आए है, जिसमें नाबालिगों को अन्य राज्यों से बहला फुसला कर लाया गया. पिछले दिनों सूरत, मंदसौर, झांसी से लाई गई युवतियों के मामले सामने आए थे.

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