भोपाल।1 अप्रैल को देश में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे हो जाएंगे (50 Years of Save Tiger Project). इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल को देश में बाघों की जनसंख्या की रिपोर्ट सामने रखेंगे. भारत में इस समय 3 हजार बाघ हैं, जो दुनिया में बाघों की आबादी का 70 फीसद है. हर साल 6 फीसदी की दर से बाघों की ये आबादी बढ़ रही है. बता दें कि 1973 में बाघों को बचाने के लिए भारत में प्रोजेक्ट सेव टाइगर शुरू किया गया था और अब उसके अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं. मध्य प्रदेश राज्य में देश में सबसे ज्यादा बाघों की आबादी है और ये लगातार बढ़ रही है.
बाघों की गिनती के लिए उतरे 35 हजार कर्मचारी: मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल है. अभी 527 बाघों के साथ एमपी नंबर 1 पर है. पिछली गिनती 2018 में हुई थी. हर 4 साल में बाघों की गिनती होती है. इस बार मध्य प्रदेश फिर से टाइगर स्टेट बन सकता है क्योंकि प्रदेश में बाघों की गिनती 2021 से शुरू हुई थी 2022 तक इसका तीसरा और आखिरी चरण पूरा कर लिया गया है. इसके लिए प्रदेश की 9 हजार बीटों में से करीब 35 हजार कर्मचारियों को गिनती के लिए उतारा गया है. इस दौरान उन्होंने जंगल में ट्रांजिट लाइन खींचकर बाघ, तेंदुआ, भालू सहित शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणियों की गिनती की है.
बाघों की गिनती के लिए ट्रैप कैमरों का इस्तेमाल:बाघों की गिनती सही हो इसके लिए पगमार्क तो लिए ही गए है साथ ही उनकी फोटो लेने के लिए 5 हजार से ज्यादा ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं. संरक्षित क्षेत्रों में चौथे चरण की गणना अक्टूबर 2022 तक चली थी. इस बार प्रदेश में 700 से ज्यादा बाघ होंगे. मध्यप्रदेश में नई गणना से प्रदेश का वन महकमा उत्साहित दिखाई दे रहा है. बता दें कि प्रदेश की सबसे बड़ी चिंता वनों की कटाई और उसपर लगातार बढ़ता अतिक्रमण कर कंट्रोल करना है.