भोपाल। मध्यप्रदेश उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों का हार का सामना करना पड़ा, जिनमें महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एदल सिंह कंषाना और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया शामिल हैं. इन तीनों ही मंत्रियों को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से इनको अपना पद छोड़ना पड़ा. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत कर कुल 22 तत्कालीन कांग्रेसी विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. उपचुनाव से पहले किए गए कैबिनेट विस्तार में सिंधिया समर्थक कुल 12 गैर विधायकों को बीजेपी की सरकार में मंत्री के पद से नवाजा गया था, जिनमें से इन तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा.
डबरा से हारीं इमरती देवी
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं इमरती देवी को बीजेपी ने डबरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे ने इमरती देवी को 8 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया. इमरती देवी भी सिंधिया समर्थकों में से एक हैं. उनके पक्ष में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ताबड़तोड़ सभाएं की थीं, इसके बाद भी इमरती देवी को हार का समना करना पड़ा.
अक्सर सुर्खियों में रहतीं हैं इमरती
कमलनाथ के आइटम वाले बयान के बाद से इमरती देवी खूब चर्चा में रहीं हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक भाषण के दौरान इमरती देवी को 'आइटम' कहा था, जिसके बाद उनका काफी विरोध हुआ. राहुल गांधी ने भी कमलनाथ के इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया था. इमरती देवी ने इसे महिलाओं के अपमान से जोड़कर इमोशनल कार्ड खेला और लाज रखने की अपील की. हार के बाद स्पष्ट हो गया कि, इमरती का इमोशनल कार्ड काम नहीं किया.
चौथी बार चुनाव मैदान में थीं इमरती देवी
डबरा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी 2008 से कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीततीं आ रहीं थीं. जहां हर चुनाव में उनकी जीत का मार्जिन भी बढ़ता गया. 2018 के चुनाव में इमरती देवी ने बीजेपी के कप्तान सिंह को 57 हजार 446 मतों से हराया और कमलनाथ सरकार में मंत्री बनीं, लेकिन बाद में वे विधायकी से इस्तीफा देते हुए सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गई और शिवराज सरकार में मंत्री भी बनीं, लेकिन इस बार इमरती को उनके ही समधी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे ने शिकस्त दे दी.