भोपाल। मध्यप्रदेश के शराब व्यापारियों ने बड़ा फैसला करते हुए मध्यप्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खोलने का निर्णय लिया है. शराब व्यापारियों का तर्क है कि, कोरोना काल में आमजनता और अपने कर्मचारियों में संक्रमण ना फैले यह देखते हुए निर्णय लिया गया है. लेकिन सरकार ने शराब दुकानें खोलने का आदेश जारी कर दिया है. सरकार के आदेश के बाद भी शराब एसोसिएशन दुकानें नहीं खोलना चाहता है. इस मामले में एसोसिएशन के सदस्यों से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात की थी. लेकिन सरकार सख्ती पर उतर आई है और सरकार ने आबकारी ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दिए. जिस पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, जो लोग विपक्ष में बैठकर कांग्रेस सरकार पर प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने का आरोप लगाते थे.आज वह शराब के सबसे बड़े पैरोकार बन रहे हैं.
एमपी को मदिरा प्रदेश बनाने का आरोप लगाने वाले आज शराब के पैरोकार बन गए- कमलनाथ - former CM Kamal Nath accused the Shivraj government
मध्यप्रदेश के शराब व्यापारियों ने बड़ा फैसला करते हुए शराब की दुकानें नहीं खोलने का निर्णय लिया है. शराब व्यापारियों का तर्क है कि, कोरोना काल में आमजनता और अपने कर्मचारियों में संक्रमण ना फैले यह देखते हुए निर्णय लिया गया है. लेकिन सरकार सख्ती पर उतर आई है और सरकार ने आबकारी ठेकेदारों को नोटिस भी जारी कर दिए. जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है.
![एमपी को मदिरा प्रदेश बनाने का आरोप लगाने वाले आज शराब के पैरोकार बन गए- कमलनाथ](https://etvbharatimages.akamaized.net/breaking/breaking_1200.png)
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा है कि, 'प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की जनती, यहां तक की ख़ुद शराब के ठेकेदार भी नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में शराब की दुकाने अभी खुलें, लेकिन शिवराज सरकार चाहती है कि, इस महामारी में भले धार्मिक स्थल ना खुले. स्कूल-कॉलेज ना खुले, लोगों को दूध, दवाई, आवश्यक वस्तु ना मिले. लेकिन शराब जरूर मिले. शराब की दुकाने ज़रूर खुले'.
उन्होंने कहा कि, ये वही लोग हैं, 'जो विपक्ष में बैठकर प्रदेश में शराब को लेकर रोज विरोध करते थे. इसे बहन-बेटियों के लिये ख़तरा बताते थे. प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने के आरोप लगाते थे.आज सत्ता में आकर यही शराब के सबसे बड़े पैरोकार बन गये है. प्रदेश भले कोरोना की चपेट में आता जाये, कोई फर्क नहीं. लेकिन शराब की बिक्री अनवरत चालू रहे'.