भोपाल। राजधानी से 25 किलोमीटर दूर चौंडी गांव में एक मदरसा ऐसा भी है, जो इस्लाम की तामील के साथ मानवता की शिक्षा भी दे रहा है. हम बात कर रहे हैं जामिया इस्लामिया अरबिया मदरसा की, जहां पिछले 40 सालों से गौसेवा की जा रही है. इसके साथ ही इस मदरसे में एक डिस्पेंसरी भी है, जिसमें आसपास के ग्रामीणों का निशुल्क इलाज किया जाता है.
लोगों के लिए मिसाल बना यह मदरसा, 40 सालों से की जा रही गौ-सेवा
चौड़ी गांव में बने मदरसे में इस्लाम की तामील के साथ-साथ गौ-सेवा भी की जा रही हैं. इसके साथ ही यहां पर एक डिस्पेंसरी भी है, जहां आसपास के लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है.
इस मदरसे के संचालक मौलाना मोहम्मद अहमद साहब बताते हैं कि इस गौशाला का निर्माण 1980 में उनके पिता मौलाना अब्दुल रज्जाक साहब ने करवाया था. तब से निरंतर यहां गायों की सेवा की जा रही है. इसके साथ ही गायों के उपचार के लिए यहां नियमित रूप से डॉक्टर आते रहते हैं.
मदरसे की देखभाल करने वाले उस्ताद हाफिज मोहम्मद रईस खान बताते हैं कि सड़क पर घूमने वाली गायों को भी गौशाला मे शरण दी जाती है. यह मदरसा पूरे क्षेत्र के लिए मिशाल है, जहां बिना किसी भेदभाव के आसपास के ग्रामीणों का निशुल्क इलाज किया जाता है और ग्रामीण भी मदरसे की हरसंभव मदद के लिए हमेंशा तैयार रहते हैं.