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महामारी के दौर में जरूरतमंदों का पेट भर रहा 'मानवता का लंगर'

कोरोना के इस दौर में साकेत नगर स्थित गुरुद्वारा रोजाना 250 से 300 लोगों का पेट भर रहा है. गुरुद्वारे में रोजाना लंगर लगता है. इस लंगर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खाना बनाया जाता है. यह लंगर में दूसरे शहर से एम्स में अपनो का इलाज करवाने आए परिजन का सहारा बन गया है, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण पूरा शहर बंद है. इन परिजनों को अपना पेट भरने के लिए लंगर के अलावा कोई दूसरा विकल्प तलाशना मुश्किल है.

langar of humanity
मानवता का लंगर

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Published : May 7, 2021, 10:33 PM IST

Updated : May 7, 2021, 11:08 PM IST

भोपाल। ...जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल... की वाणी के साथ ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना लंगर चल रहा है. पिछले साल 2020 में कोरोना काल के दौरान करीब 5 लाख लोगों को फ्री में खाना खिलाया जा चुका है और इसका सिलसिला इस कोरोना कर्फ्यू में भी बदस्तूर जारी है. दरअसल हम बात कर रहे हैं साकेत नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब जी की. यहां जरूरतमंदों के साथ ही खासतौर पर एम्स अस्पताल के मरीजों के परिजनों को रोजाना खाना दिया जा रहा है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल के सामने साकेत नगर में स्थित गुरुद्वारे में हर रोज. वाहे गुरुजी दा खालसा, वाहे गुरुजी दी फतह.. के उद्घोष के साथ खाना परोसा जाता है. ठीक 11 बजते ही यहां पर खाना खाने वालों की लाइन लग जाती है. लंगर में दिए जाने वाले भोजन पैकेट को गुरुप्रसाद कहा जाता है. यहां की लंगर समिति में 20 से ज्यादा लोग हैं और यही जन सहयोग से लगातार लंगर चला रहे हैं. इस लंगर में रोजाना 250 से 300 लोगों को भोजन करवाया जाता है.

मानवता का लंगर
  • 250 से 300 लोगों को रोज करवा रहे भोजन

इस गुरुद्वारे में सुबह 8 बजकर 45 मिनट से लंगर बनाने की प्रक्रिया शुरु होती है, 11 बजे लंगर का खाना बनकर तैयार हो जाता है. इसके बाद दोपहर 11 से 1 बजे तक भोजन का वितरण होता है. इसमें पूड़ी, सब्जी, चावल, रायता, चपाती के साथ हर रोज मैन्यु भी बदलता रहता है. गुरुद्वारे में काम करने वाले सेवादार हरदीप सिंह बताते हैं कि वे पिछले दो सालों से यहां पर सेवा दे रहे हैं. एम्स के मरीजों के परिजनों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को मिलाकर हर रोज करीब 250 से 300 लोगों को भोजन का वितरण किया जाता है.

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  • यूथ विंग भी देती है लंगर में सेवा

गुरुद्वारा के लंगर में युवाओं की टीम भी सहयोग करती है. इनमें से एक प्रोफेशनल फुटबाल खिलाड़ी इशान साही भी शामिल हैं. स्पेशनिश लीग में खेल चुके इशान साही बताते हैं कि कोरोना काल में हम रोज गुरुद्वारा में आकर खाने बनाने में मदद करते हैं. इससे अलग ही सुकून का अनुभव होता है.

  • पिछले साल 5 लाख लोगों को खिलाया खाना

गुरुद्वारा गुरुतेगबहादुर साहिब जी साकेत नगर भोपाल के अध्यक्ष हरदीप सिंह सैनी ने बताया कि पिछले साल कोरोना काल के दौरान करीब 5 लाख लोगों को खाना खिलाया गया था. इस बार भी हालांकि लोग कम है लेकिन हर रोज यहां से लंगर के जरिए जरूरतमंदों को भोजन कराया जा रहा है. पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कोरोना से जंग जीतकर वापस आए हरदीप सिंह सैनी के अनुसार हमारे काम में हर समाज का सहयोग मिलता है. एम्स के मरीजों के परिजनों के अलावा भी दूसरे अस्पतालों में जाकर हम भोजन के पैकेट बांटते हैं.

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  • लंगर में होता है कोविड गाइडलाइन का पालन

गुरद्वारे में चल रहे लंगर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है. रसोई तक जाने से पहले सेवादारों को सैनैटाइज होना पड़ता है. मास्क पहनना जरूरी है. रसोई में खाना भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही बनाया जाता है. एम्स से आने वाले लोगों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही खाना बांटा जाता है.

  • भोपाल शहर में हैं 21 गुरुद्वारे

जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल में 21 गुरुद्वारे हैं जहां पर सिख समाज के अलावा अन्य लोग भी जाकर मत्था टेकते हैं, लेकिन इनमें से केवल साकेत नगर का गुरु तेगबहादुर साहिब जी गुरुद्वारा ही ऐसा गुरुद्वारा है जहां कोरोना काल में हर रोज लंगर चलता है और लोगों को खाना परोसा जाता है.

Last Updated : May 7, 2021, 11:08 PM IST

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