हैदराबाद।हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा पूजा का बहुत महत्व है. इस साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है. विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म (Birth) हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर थे. इनकी पूजा से जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं रहती है. इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा आइये जानते हैं.
विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat)
17 सितंबर दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा पर्व मनाया जायेगा. विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से अगले दिन 18 सितंबर, शनिवार को प्रात: 03 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा. मान्यता के अनुसार, हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा सूर्य की कन्या संक्रांति पर की जाती है. इस वर्ष 17 सितंबर को रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य की कन्या संक्रांति का क्षण है. इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. राहुकाल को छोड़कर आप विश्वकर्मा पूजा करें.
कैसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Kaise Karen Vishwakarma Puja)
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं.
- स्नान कर विश्वकर्मा पूजा की सामग्रियों को एकत्रित कर लें.
- बेहतर होगा कि इस पूजा को पति पत्नी साथ में करें.
- पूजा के लिए पति-पत्नी हाथ में चावल लें और भगवान विश्वकर्मा को सफेद फूल अर्पित करें.
- अब हवन कुंड बनाकर इसमें धूप, दीप, पुष्प अर्पित करते हुए आहुति दें.
- इसके बाद अपनी मशीनों और औजारों की पूजा करें.
- फिर भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें.