भोपाल। इंदौर के सांवेर में बीजेपी की सभा के लिए कलेक्टर कार्यालय द्वारा 600 बस लगाने और सरकारी खर्च से डीजल भरवाने के मामले में अब कार्रवाई की जाएगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को जयेश गुरनानी की शिकायत पर उचित कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. वहीं कांग्रेस ने भी शिकायत की है कि जिस पर विभाग से जवाब मांगा गया है.
निर्वाचन आयोग के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रदीप कुमक शुक्ला ने 26 सितंबर को सांवेर विधानसभा में सीएम शिवराज सिंह चौहान का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें भीड़ जुटाने के लिए कलेक्टर जिला इंदौर द्वारा आदेश पारित कर 600 बसों को अधिग्रहण किया था. बसों का किराया और पेट्रोल-डीजल की खरीदी का पैसा सरकारी खजाने से भुगतान करने के आदेश भी दिये गए थे. जिसके खिलाफ विधि के छात्र व युवा कांग्रेस के प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने चुनाव आयोग को ई-मेल से शिकायत प्रेषित कर कारवाई की मांग की थी.
शिकायत में मुख्य रूप से कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के चलते केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन के मुताबिक 250 लोगों को इकट्ठा करने की अनुमति है, ऐसे में सरकारी तंत्रों का दुरूपयोग कर हजारों की भीड़ जुटाने के लिए 600 से ज्यादा बसों को अधिग्रहण किया गया. बसों का किराया और पेट्रोल डीजल की खरीदी का पैसा सरकारी खजाने से क्यों दिया गया ? तमाम सरकारी निर्देशों के बाद भी कोविड-19 महामारी के चलते हजारों की संख्या में भीड़ जुटाकर मध्यप्रदेश ग्वालियर खंडपीठ के आदेश की अवमानना क्यों की गई ?
इस मामले में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है, सरकारी मशीनरी और सरकारी धन का दुरूपयोग चुनाव में शुरू हो गया है. इस पर चुनाव आयोग ने जो संज्ञान लिया है. उसका कांग्रेस स्वागत करती है. साथ ही मांग करती है कि जहां-जहां भी उपचुनाव होना है. वहां पर सरकारी मशीनरी पर चुनाव आयोग पैनी नजर रखें. जो सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया जा रहा है, उसे रोका जाए.