भोपाल। भारत काफी समय से आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा है. 1993 मुम्बई बम विस्फोट हो या 2008 में मुम्बई हमले या इससे पहले से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद, हमारा देश हमेशा ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है. देश लम्बे समय से दुनिया को पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद को लेकर आगाह भी करता रहा, लेकिन दुनिया के बड़े और ताकतवर देशों की नींद तब तक नहीं खुली, जब तक कि दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले मुल्क अमेरिका को इसका निशाना नहीं बनना पड़ा.
11/09/2001 का काला दिन
11 सितम्बर 2001 का दिन अमेरिका के इतिहास में एक काले दिन के रूप में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. इसी दिन पूरी दुनिया ने आतंकवाद के नापाक मंसूबों की ताकत को देखा, जब अमेरिका जैसा ताकतवर देश भी आतंकियों की पहुंच से दूर नहीं रहा. इस दिन अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ.
आतंकी संगठन अलकायदा ने इस हमले की साजिश रची, जिसका मुखिया आतंकी ओसामा बिन लादेन था. आतंकियों ने दो अमेरिकी विमानों को हाईजैक कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला कर दिया था. इस हमले में करीब 2977 लोग मारे गए.
इस हमले के बाद अमेरिका ने 11 सितंबर को पेट्रियट दिवस घोषित कर दिया. आज के दिन हमले में मारे गए लोगों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है.