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कब और कहां से शुरू हुआ मनीराम के सीरियल किलिंग का किस्सा ? - सीरियल किलर गड़ा धन का लालच

भोपाल में बीते दिन एक सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में सूखीसेवनिया पुलिस ने सफलता हासिल की है. वहीं सीरियल किलर मनीराम को पहले हेड कांस्टेबल चेन सिंह रघुवंशी ने गिरफ्तार किया था. वहीं चेन सिंह रघुवंशी ने मनीराम को एक बार फिर गिरफ्तार किया है.

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चेन सिंह रघुवंशी और सीरियल किलर

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Published : Jan 6, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 8:33 AM IST

भोपाल। सूखीसेवनिया पुलिस ने एक फरार सीरियल किलर मनीराम सेन को गिरफ्तार किया है. हत्या के जिस आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वो बीस साल पहले भी पांच लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट चुका है. पिपलानी थाना प्रभारी चेन सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गौरतलब है कि जब चेन सिंह हेड कांस्टेबल थे तब उन्होंने सीरियल किलर मनीराम को गिरफ्तार किया था. और आज एक बार जब वे थाना प्रभारी हैं तो उन्होंने मनीराम को दोबारा हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया है.

धन का लालच देकर पांच लोगों की हत्या

चेन सिंह ने बताया कि साल 2000 में विदिशा ग्यारसपुर थाना में वे हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ थे. तब उन्होंने इस सीरियल किलर मनीराम को गिरफ्तार किया था. चेन सिंह आरोपी को जानते थे, उन्होंने बताया कि उसने एक दलित परिवार की रात 12 से 4 के बीच मानोरा के जंगल में एक-एक करके हत्या कर दी थी. मनीराम ने उन्हें गड़ा खजाना दिलाने के नाम पर हत्या कर दी थी. उन्हें नदी में रेत की ढेर में दफना दिया था. जिसके बाद डेढ़ महीने बाद पुलिस ने इस मामले में सूचना के आधार पर जब वहां की रेत खोदी गई, तो पुलिस को पांच कंकाल बरामद हुए.

चेन सिंह रघुवंशी ने ईटीवी भारत से बात की

मनीराम को जानते थे चेन सिंह रघुवंशी

पांचों कंकाल एक ही परिवार के थे, जिसमें सास, बहू, बाप और बेटा सहित भांजा बहू शामिल थे. इन्हें गड़ा खजाना ढूंढने के नाम पर ही मौत के घाट उतारा गया था. यह बात गांव के लोगों को पता चली, तो उन्होंने उस दौरान हेड कांस्टेबल रहे चेन सिंह रघुवंशी को पूरे मामले की जानकारी दी, जिसके बाद चेन सिंह मनीराम के घर पहुंचे, और उनके परिवार से पूछताछ की, तो पता चला कि मनीराम सेन कई दिनों से घर नहीं आया है. शक के आधार पर करीब डेढ़ साल बाद कांस्टेबल रहे चेन सिंह रघुवंशी ने मनीराम को गिरफ्तार किया. और पूरे मामले का खुलासा किया, इसी केस को सॉल्व करने के बाद उन्हें प्रमोशन भी मिला. आज वह पिपलानी थाने में थाना प्रभारी हैं और दूसरी बार उसी सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

आरोपी 6 महीने रहा विदिशा जेल, फिर भेजा गया केंद्रीय जेल

सीरियल किलर मनीराम से 6 महीने विदिशा की जेल में रहा. उसके बाद जब आजीवन कारावास की सजा मिली, तो उसे केंद्रीय जेल भोपाल में भेजा गया. जहां वह लगभग 15 साल की सजा काटकर वापस अपने घर पहुंचा. मर्डर केस में सजा काटने के बाद वह पूरी तरह से बरी हो गया. जिसके बाद वह राजधानी भोपाल के करौंद क्षेत्र में कुछ दिन रहा था. फिर अशोका गार्डन क्षेत्र में रहने लगा. इसी दौरान मनीराम का परिचय आदिल बहाव से हुआ.

साल 2000 में मनीराम ने किया था मर्डर

सन्नू 50 साल, कल्लू सन्नू का पुत्र उम्र 21 साल, सुमित्रा बाई कल्लू की पत्नी उम्र 19 साल, सरीबाई सन्नू की पत्नी उम्र 42 साल, रामकली बाई पति हरबकस निवासी देहगांव उम्र 30 वर्ष शामिल थी. यह उन दिनों अपने मामा ससुर के यहां देहगांव घूमने आए थे. इनके परिवार के सभी सगे तो खत्म हो गए थे, लेकिन उनका भतीजा जिसका नाम कुंदन है वह आज भी मनोरा गांव में रहता है.

साल 2020 में फिर मनीराम ने की हत्या

वहीं सीरियल किलर राममनी ने जेल से निकलने के बाद हाल ही में ऐशबाग निवासी आदिल बहाव की हत्या कर दी. आदिल एक निजी पोर्टल में काम करता है. मनीराम ने एक बार फिर अपनी पुरानी ट्रिक अपनाते हुए आदिल को गड़ा हुआ धन दिलाने के लालच दिया था. यह भी कहा जा रहा है कि आदिल बहाव ने उसे 17000 रुपए इसी तरह से दिए थे. जब आदिल बहाव ने उससे पैसे मांगे, तो वह उन्हें सुखी सेवनिया के जंगलों में ले गया और उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने करीब 74 लोगों से पूछताछ करने के बाद और पूर्व में आरोपी की वारदात के तरीके के आधार पर उसे सागर से गिरफ्तार किया. इस बार भी चेन सिंह रघुवंशी जो अब थाना प्रभारी हैं, उन्होंने सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है. जहां पूछताछ में उसने कबूल किया है कि उसी ने आदिल की हत्या की है.

विदिशा में रहते हैं सीरियल किलर के तीन बेटे

सीरियल विदिशा के मनोरा का ही रहने वाला है. जब उसने पूरे परिवार को खत्म किया था, उसके बाद से मनोरा गांव के लोगों ने उसे भगा दिया था. इसके बाद से उसके तीन लड़के विदिशा में ही किराए के मकान में रहते हैं. वहीं अपना जीवन यापन कर रहे हैं. उन्हीं के आधार पर पुलिस ने इसे फिर पकड़ा है.

सीरियल किलर साल 2017 से 2020 तक रहा भोपाल

जून 2017 में मनीराम जेल से रिहा हो गया था. फिर वह राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र के नवाब कॉलोनी में रहा. हत्या करने के बाद वह 1 दिन तक वहीं रुका और 9 तारीख को वहां से फरार हो गया.

तीसरे अटैम्टकी पत्रकार आदिल बहाव की हत्या

थाना प्रभारी चेन सिंह रघुवंशी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में यह बताया कि वह आदिल को वहां पर तीसरी बार लेकर गया था. सुनसान रास्ता देखकर ही उसकी हत्या कर दी गई. इससे पहले वह दिन में आदिल और पहले भी दो बार हत्या करने ले जा चुका था. लेकिन वहां पर चरवाहे थे. जिसके चलते उसे मार नहीं पाया, लेकिन उसने जगह चिन्हित कर ली थी. मनीराम ने कहा था कि यहीं पर गड़ा सोना मिलेगा. लेकिन अभी यहां लोग हैं, जिसके चलते उसने मना कर दिया था. वहीं मौका पाकर वह आदिल को रात में ले गया और हत्या कर दी.

आदिल बहाव, मृतक

कोर्ट ने पुलिस को दी 2 दिन की रिमांड

मुजरिम मनीराम सेन को बुधवार को 1250 हॉस्पिटल में कोविड-19 का चेक कराने के बाद कोर्ट में पेश किया गया है. जहां से पुलिस ने 5 दिन की रिमांड की मांग की थी. लेकिन 2 दिन की रिमांड दे दी गई है. 8 जनवरी को फिर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.

मृतक आदिल के भाई क्या कहना है ?

मृतक के भाई अमीर बहाव का कहना है कि इस तरह के अंधविश्वास में उसका भाई विश्वास नहीं करता था. मुझे भरोसा भी नहीं हो पा रहा है कि इस तरह से उसकी हत्या कर दी गई है. वो झाड़ फूंक पर भी विश्वास नहीं करता था. साथ ही आदिल के ज्यादा दोस्त भी नहीं थे. पूछताछ में पता चला कि आदिल की दोस्ती नवेद से थी. नवेद ने उसे एजाज से मिलाया था और एजाज ने उन्हें इमरान से और इमरान ने उन्हें मनीराम सीरियल किलर से मिलाया था. अभी तक यही मामला सामने आया है. बता दें कि आदिल बहाव के चार भाई थे. जिनमें से वो सबसे छोटे थे, आदिल की शादी 2016 में हुई थी. वहीं 2017 में उनका तलाक भी हो गया था.

आमिर बहाव

ये था मामला

बता दें सीरियल किलर ने साल 2000 में 7 जुलाई को एक ही परिवार के 5 लोगों को गड़ा खजाना दिलाने के लालच में जंगल में ले जाकर हत्या कर दी थी. इस मामले में आरोपी ने 17 साल की आजीवन कारावास सजा काटने के बाद 2017 जून में केंद्रीय जेल भोपाल से बाहर आया था. उसने 8 नवंबर 2020 की रात एक पोर्टल में काम कर रहे पत्रकार की हत्या कर दी थी. इस मामले में आज पुलिस ने आरोपी को 1250 हॉस्पिटल में कोविड-19 की जांच कराने के बाद बुधवार को कोर्ट में पेश किया है. वहीं साल 2000 में मनीराम को जिस कांस्टेबल चेन सिंह ने गिरफ्तार किया था, उन्हीं ने उसे दोबारा गिरफ्तार किया है, लेकिन अब चेन सिंह थाना प्रभारी हैं.

Last Updated : Jan 7, 2021, 8:33 AM IST

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