भोपाल। सूखीसेवनिया पुलिस ने एक फरार सीरियल किलर मनीराम सेन को गिरफ्तार किया है. हत्या के जिस आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वो बीस साल पहले भी पांच लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट चुका है. पिपलानी थाना प्रभारी चेन सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गौरतलब है कि जब चेन सिंह हेड कांस्टेबल थे तब उन्होंने सीरियल किलर मनीराम को गिरफ्तार किया था. और आज एक बार जब वे थाना प्रभारी हैं तो उन्होंने मनीराम को दोबारा हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया है.
धन का लालच देकर पांच लोगों की हत्या
चेन सिंह ने बताया कि साल 2000 में विदिशा ग्यारसपुर थाना में वे हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ थे. तब उन्होंने इस सीरियल किलर मनीराम को गिरफ्तार किया था. चेन सिंह आरोपी को जानते थे, उन्होंने बताया कि उसने एक दलित परिवार की रात 12 से 4 के बीच मानोरा के जंगल में एक-एक करके हत्या कर दी थी. मनीराम ने उन्हें गड़ा खजाना दिलाने के नाम पर हत्या कर दी थी. उन्हें नदी में रेत की ढेर में दफना दिया था. जिसके बाद डेढ़ महीने बाद पुलिस ने इस मामले में सूचना के आधार पर जब वहां की रेत खोदी गई, तो पुलिस को पांच कंकाल बरामद हुए.
मनीराम को जानते थे चेन सिंह रघुवंशी
पांचों कंकाल एक ही परिवार के थे, जिसमें सास, बहू, बाप और बेटा सहित भांजा बहू शामिल थे. इन्हें गड़ा खजाना ढूंढने के नाम पर ही मौत के घाट उतारा गया था. यह बात गांव के लोगों को पता चली, तो उन्होंने उस दौरान हेड कांस्टेबल रहे चेन सिंह रघुवंशी को पूरे मामले की जानकारी दी, जिसके बाद चेन सिंह मनीराम के घर पहुंचे, और उनके परिवार से पूछताछ की, तो पता चला कि मनीराम सेन कई दिनों से घर नहीं आया है. शक के आधार पर करीब डेढ़ साल बाद कांस्टेबल रहे चेन सिंह रघुवंशी ने मनीराम को गिरफ्तार किया. और पूरे मामले का खुलासा किया, इसी केस को सॉल्व करने के बाद उन्हें प्रमोशन भी मिला. आज वह पिपलानी थाने में थाना प्रभारी हैं और दूसरी बार उसी सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
आरोपी 6 महीने रहा विदिशा जेल, फिर भेजा गया केंद्रीय जेल
सीरियल किलर मनीराम से 6 महीने विदिशा की जेल में रहा. उसके बाद जब आजीवन कारावास की सजा मिली, तो उसे केंद्रीय जेल भोपाल में भेजा गया. जहां वह लगभग 15 साल की सजा काटकर वापस अपने घर पहुंचा. मर्डर केस में सजा काटने के बाद वह पूरी तरह से बरी हो गया. जिसके बाद वह राजधानी भोपाल के करौंद क्षेत्र में कुछ दिन रहा था. फिर अशोका गार्डन क्षेत्र में रहने लगा. इसी दौरान मनीराम का परिचय आदिल बहाव से हुआ.
साल 2000 में मनीराम ने किया था मर्डर
सन्नू 50 साल, कल्लू सन्नू का पुत्र उम्र 21 साल, सुमित्रा बाई कल्लू की पत्नी उम्र 19 साल, सरीबाई सन्नू की पत्नी उम्र 42 साल, रामकली बाई पति हरबकस निवासी देहगांव उम्र 30 वर्ष शामिल थी. यह उन दिनों अपने मामा ससुर के यहां देहगांव घूमने आए थे. इनके परिवार के सभी सगे तो खत्म हो गए थे, लेकिन उनका भतीजा जिसका नाम कुंदन है वह आज भी मनोरा गांव में रहता है.
साल 2020 में फिर मनीराम ने की हत्या
वहीं सीरियल किलर राममनी ने जेल से निकलने के बाद हाल ही में ऐशबाग निवासी आदिल बहाव की हत्या कर दी. आदिल एक निजी पोर्टल में काम करता है. मनीराम ने एक बार फिर अपनी पुरानी ट्रिक अपनाते हुए आदिल को गड़ा हुआ धन दिलाने के लालच दिया था. यह भी कहा जा रहा है कि आदिल बहाव ने उसे 17000 रुपए इसी तरह से दिए थे. जब आदिल बहाव ने उससे पैसे मांगे, तो वह उन्हें सुखी सेवनिया के जंगलों में ले गया और उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने करीब 74 लोगों से पूछताछ करने के बाद और पूर्व में आरोपी की वारदात के तरीके के आधार पर उसे सागर से गिरफ्तार किया. इस बार भी चेन सिंह रघुवंशी जो अब थाना प्रभारी हैं, उन्होंने सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है. जहां पूछताछ में उसने कबूल किया है कि उसी ने आदिल की हत्या की है.