भोपाल| कोविड-19 के इस संकट के दौर में प्रदेश में एक बार फिर से आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करने की चुनौती सरकार के सामने बनी हुई है, राज्य शासन के लिए सबसे बड़ी चिंता आदिवासी क्षेत्र में निवास करने वाले वे लोग हैं जो तेंदूपत्ता या वनोपज से अपना जीवन यापन करते हैं, इन संग्राहकों को राहत देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 184 करोड़ रुपए का बोनस देने की प्रक्रिया मंत्रालय से प्रारंभ की है, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कुछ तेंदूपत्ता संग्राहकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत भी की है.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक भी उपस्थित थे . मंत्रालय से सीएम ने सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता विक्रय वर्ष 2018 की बोनस राशि कुल 184 करोड़ रूपए के भुगतान का प्रारंभ किया, आज पूर्व मंडला वन मंडल की 11 समितियों को 12.82 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, शेष सभी संग्राहकों को समितियों के माध्यम से शीघ्र राशि प्राप्त होगी.
लघु वनोपज का मूल्य डेढ़ गुना तक बढ़ाया
इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न वनोपजों का मूल्य 19 से 53 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिससे उन्हें संकट की इस घड़ी में कुछ राहत मिल सके . सरकार लघु वनोपज संघ के माध्यम से समर्थन मूल्य पर इनका संग्रहण कर रही है. इसके अलावा सभी क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य भी बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं. सभी को रोजगार दिया जाएगा.
महुआ फूल विक्रय के मिलेंगे 50 करोड़ रूपए
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महुआ फूल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद हमने व्यापारियों एवं लघु उपज संघ द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उससे अधिक दर पर लगभग 1 लाख 25 हजार क्विंटल महुआ फूल क्रय कर लिया है, जिससे सीजन समाप्त होने पर 50 करोड़ रूपये से अधिक की आमदनी आप सभी बहनों-भाइयों को प्राप्त होगी.