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लॉकडाउन से पंडित-पुजारी भी परेशान, मदद के लिए पूर्व मंत्री - लॉकडाउन अपडेट्स

धार्मिक स्थानों को लॉकडाउन के समय पूरी तरह से बंद रखा गया है, ऐसे में अब पुजारियों को परेशनी का सामना करना पड़ रहा है. अब पूर्व मंत्री पीसी शर्मा इनकी मदद के लिए आगे आए हैं.

Temple pundits upset due to lockdown
पीसी शर्मा के साथ पंडित

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Published : Apr 20, 2020, 1:24 PM IST

Updated : Apr 20, 2020, 2:28 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है. विशेषकर धार्मिक स्थलों पर भीड़ जुटने के डर से धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से बंद किया गया है और आगामी 3 मई तक धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद रहेंगे, ऐसे में मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में पूजा पाठ का काम करने वाले पंडित और अन्य धर्मगुरुओं के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार से पुजारियों और अन्य धर्म गुरुओं की मदद करने की अपील की थी. लेकिन सरकार ने उनकी अपील नहीं सुनी.

पंडित परेशान

अब पूर्व मंत्री अपने निजी संसाधनों से पुजारियों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने मानना है कि सरकार को हर धर्म के ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए, जिनका धार्मिक स्थलों की सेवा और दक्षिणा से परिवार चलता था. भोपाल में 22 मार्च से जनता कर्फ्यू के साथ ही लॉकडाउन है. लॉकडाउन का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरु हो गया है. धार्मिक स्थल ऐसे स्थान होते हैं, जहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं. ऐसी स्थिति में संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है. इसलिए धार्मिक स्थानों को लॉकडाउन के समय पर पूरी तरह बंद रखा गया है. आज से कई मामलों में राहत भले मिल गई है, लेकिन धार्मिक स्थलों को इस राहत में शामिल नहीं किया गया है.

धार्मिक स्थल कब खोले जाएंगे, ये 3 मई के बाद ही तय होगा. ऐसी स्थिति में इन स्थलों पर आने वाले चढ़ावे और दक्षिणा से अपना जीवन यापन करने वाले पंडित पुजारी और अन्य धर्मगुरु परेशान हैं, शर्मा ने शिवराज सरकार से इन सभी के लिए 10 हजार की आर्थिक मदद करने की अपील की थी, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया. इसलिए पूर्व मंत्री अपने निजी संसाधनों से पुजारियों की मदद कर रहे हैं.

महंत रामशंकर दास कहते हैं कि जितने मंत्री विधायक हैं, अपने अपने क्षेत्र के पंडितों की तो सुध ले सकते हैं. कोई पंडितों की सुध नहीं ले रहा है, लॉकडाउन में जो भी आटा, दाल, चावल आता था, वो सब बंद है. जब मंदिर बंद हैं और कोई नहीं आ रहा है तो पंडितों का जीवन यापन कैसे होगा.

शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन में मंदिर बंद हैं. हमने मांग की थी कि मंदिरों की पूजा-पाठ और दक्षिणा से पुजारियों और पंडितों का परिवार चलता है. इसलिए लॉकडाउन में धार्मिक स्थल बंद होने के चलते 10 हजार की सहायता राशि दी जाए, लेकिन मुख्यमंत्री ने नहीं सुना. हमारा कहना है कि जितने भी धर्मस्थल हैं, उन सबकी मदद की जाए. पर सरकार ने नहीं सुनी, हमने छोटी सी कोशिश की है.

Last Updated : Apr 20, 2020, 2:28 PM IST

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