भोपाल।दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर राजधानी के तीन स्कूलों में संजीवनी क्लीनिक खोले गए, जहां बिना शासन-प्रशासन की इजाजत के स्कूल परिसर में क्लीनिक खुलने से छात्रों और शिक्षकों में भय का माहौल निर्मित हो गया है. कोरोना महामारी के बीच जहां 21 सितंबर से शासकीय स्कूलों में डाउट क्लासेस शुरू हुई थी. ऐसे में स्कूल परिसर में क्लीनिक खुलने से संक्रमण का डर छात्रों को सताने लगा है. यही वजह है कि स्कूल में जो 5 प्रतिशत बच्चे आ रहे थे, वह भी अब स्कूल जाने से कतरा रहे हैं. इसी तरह शहर में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां परिसर के आसपास संजीवनी क्लीनिक खोले गए हैं, जिससे छात्रों और शिक्षकों में कोरोना संक्रमण का डर लगातार बना हुआ है.
शिक्षकों में भय
शिक्षक आशुतोष पांडेय का कहना है कि कोरोना की वजह से स्कूल बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में विभाग द्वारा मोहल्ला कक्षाएं लगाई जा रही हैं, जहां शिक्षक घर-घर जाकर छात्रों की कक्षाएं लगा रहे हैं, जिससे अब तक 50 से अधिक शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है. वहीं बड़ी संख्या में शिक्षक संक्रमित हो गए हैं. अब दूसरी तरफ 21 सितंबर 2020 से डाउट क्लासेस भी शुरू हो गई हैं. जहां शिक्षक स्कूल में भी पढ़ा रहे हैं और मोहल्ला क्लासेस भी ले रहे हैं. ऐसे में स्कूल परिसर में क्लीनिक खुलने से संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है.
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छात्रों में भी डर
स्कूल में अभी कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की कक्षाएं लग रही हैं, जो बच्चे ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़ पा रहे हैं, वह स्कूल जाकर शिक्षकों से डाउट क्लियर कर रहे हैं. इस पर छात्रों ने कहा कि स्कूल में क्लीनिक खुलने से कोरोना फैलेगा. ऐसे में घर वाले भी स्कूल नहीं आने दे रहे हैं. अगर स्कूल के अंदर मरीज आएंगे, तो स्कूल जाना मुश्किल हो जाएगा.
इन स्कूलों में खुले हैं संजीवनी क्लीनिक
शासकीय रशीदिया हायर सेकंडरी स्कूल, बरखेड़ी कन्या शाला, गिन्नौरी कन्या शाला, उच्चतर माध्यमिक शाला जहांगीराबाद, संस्कृत विद्यालय पुराना भोपाल सहित अन्य कई शासकीय स्कूलों में संजीवनी क्लीनिक खोले गए हैं. कहीं स्कूल की बिल्डिंग में तो कहीं स्कूल के आसपास क्लीनिक खुलने से शिक्षकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
शिक्षकों का कहना है कि क्लीनिक खुलने से छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं. जिन स्कूलों में यह क्लीनिक मौजूद हैं, वहां छात्रों की संख्या 1 हजार से अधिक है. अकेले रशीदिया स्कूल में 1 हजार छात्र पढ़ते हैं. इसके साथ ही उक्त स्कूल में संस्कृत विद्यालय की बिल्डिंग भी है, जहां 600 छात्राएं पढ़ती हैं.