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ग्रामीणों से भी वसूला जाएगा टैक्स, राजस्व बढ़ाने के लिए कमलनाथ सरकार की तैयारी

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Published : Feb 9, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 8:56 PM IST

कमलनाथ सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए ग्रामीणों से टैक्स वसूलने जा रही है. ग्रामीण इलाकों में लोगों को जल्द ही शहरों की तरह भवन निर्माण और व्यवसायिक गतिविधियों आदि के लिए टैक्स देना होगा.

Tax will also be collected from villagers
ग्रामीणों से भी वसूला जाएगा टैक्स

भोपाल। केंद्रीय बजट में मध्य प्रदेश के हिस्से में कटौती के बाद अब कमलनाथ सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए ग्रामीणों से टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है. ग्रामीण इलाकों में लोगों को जल्द ही शहरों की तरह भवन निर्माण और व्यवसायिक गतिविधियों आदि के लिए टैक्स देना होगा. ग्रामीण पंचायत एवं विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में यदि सुविधाएं बढ़ाना है तो आर्थिक संसाधन बढ़ाने होंगे क्योंकि जिस तरह से केंद्र ने सभी मदों में कटौती की है उसको देखते हुए कुछ कदम उठाने होंगे.

ग्रामीणों से भी वसूला जाएगा टैक्स

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में अनिवार्य, स्वैच्छिक और वैकल्पिक टैक्स की व्यवस्था रखी गई है, लेकिन पिछले दो दशकों के दौरान पंचायतों में अनिवार्य टैक्स तक वसूल नहीं किया जा रहा. 85 फीसदी से ज्यादा पंचायतों ने बिल्डिंग टैक्स ही नहीं वसूला है. यहां तक कि पंचायतों में इस तरह का कोई रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है. लिहाजा अब टैक्स वसूली की नए सिरे से सख्ती से शुरुआत की जा रही है.

सरकार की कोशिश पंचायतों को मजबूत बनाने की है। सरकार जनभागीदारी के जरिए पंचायतों में निर्माण कार्यों पर जोर दे रही है.

पंचायतों को रखना होगा राजस्व का तमाम रिकॉर्ड
अब पंचायतों को गांव में मौजूद भूमि पर होने वाले निर्माण और उससे प्राप्त राजस्व का संपूर्ण रिकॉर्ड रखना होगा. साथ ही यह भी बताना होगा कि ग्रामीण इलाकों में राजस्व को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है. नगरीय निकायों की तरह ग्रामीण इलाकों में भवन अनुज्ञा लेना अनिवार्य किया जा रहा है.

भवन अनुज्ञा के लिए ग्रामीणों को निर्धारित शुल्क जमा करना होगा. इसके तहत जल्द ही पंचायतों को टारगेट भी दिए जाएंगे. अभी तक राजस्व वसूली को लेकर ग्रामीण इलाकों में किसी भी तरह की सख्ती नहीं की जाती थी और ना ही राजस्व को लेकर कोई टारगेट तय किये जाते थे. यही वजह है कि वर्ष 2017-18 में सिर्फ 14 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी. हालात यह है कि प्रदेश की 23 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में से सिर्फ 200 पंचायतें ही टैक्स वसूली के लिए काम कर रही थी. हालांकि पिछले कुछ महीनों में इसमें थोड़ा सुधार हुआ है.

Last Updated : Feb 9, 2020, 8:56 PM IST

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