भोपाल। मध्यप्रदेश में 15 से 18 साल उम्र वाले टीनएजर्स को आज से सुरक्षा का टीका (Children Vaccination in MP) लगने लगा है. टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे टीनएजर्स ने खुशी-खुशी वैक्सीन लगवाई. साथ ही टीका लगवाने की अपील भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीसरी लहर की आहट का खतरा है. ऐसे में सामाजिक गतिविधियां चलना भी जरूरी है. वैक्सीनेशन और मास्क ही एकमात्र उपाय है. बच्चों को ऑफलाइन कक्षाओं पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही. वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चे बोले अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
Children Vaccination in MP: सुरक्षा का टीका लगवा खिले टीनएजर्स के चेहरे, CM ने बढ़ाया हौसला - Covid vaccination for teanegers in MP
टीनएजर्स को सुरक्षा का टीका लगाने (Children Vaccination in MP) के महाअभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की, 20 जनवरी तक 15 से 18 साल की उम्र वाले प्रदेश के सभी बच्चों को सुरक्षा का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
तीन जनवरी यानि आज 15 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन (Covid vaccination for teanegers in MP) महा अभियान चल रहा है. भोपाल के एक्सीलेंस स्कूल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे और इस अभियान की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया तो जिन्होंने वैक्सीन लगाई उनके साथ सेल्फी प्वाइंट पर फोटो भी खिंचवाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में तीसरी लहर की आहट आ गई है. ऐसे में सभी को मास्क और वैक्सीन लगवाना चाहिए. यह दोनों ही कोविड से बचाव के उपाय हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी स्कूल कॉलेज खुले रहेंगे. आर्थिक और सोशल गतिविधियां भी जरूरी हैं तो बच्चों से ऑफलाइन कक्षाओं के लिए भी सीएम ने यहां वादा लिया और कहा कि ज्यादा से ज्यादा कक्षाओं में बच्चे जाएं और मेहनत करें. एग्जाम आने वाले हैं. सीएम ने बच्चों से कहा कि और भी बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने मंच से दोहराया कि 20 जनवरी तक पूरे प्रदेश में इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य है, जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा.
उधर स्कूल में पहुंचे बच्चों का पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया. इसके बाद एक-एक कर कतार में बुलाकर वैक्सीन लगाई गई. वैक्सीन लगाने के आधा घंटे बाद तक उन्हें वहीं बैठने को भी कहा गया. कुछ बच्चे वैक्सीन के डर से घबराते दिखे तो कुछ ने बेझिझक वैक्सीन लगवाई. इन बच्चों का कहना था कि यह खुद को भी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इनको इंतजार था कि जल्द से जल्द इन्हें भी वैक्सीन लग जाए.