मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पंजशीर पर कब्जा करने के लिए तालिबानियों ने पहनी अमेरिकी वर्दी, रूस ने कहा- राजनीतिक समझौते की उम्मीद - Russia said hope for political settlement

अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव ने कहा है कि पंजशीर वैली को लेकर तालिबान को राजनीतिक समझौते की उम्मीद है. वहीं पंजशीर के शेर कहलाने वाले अफगानिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान को खुलेआम चुनौती दी है. तालिबानी पंजशीर पर कब्जा करने हर पेतरा आजमा रहा है. एक वीडियो में तालिबानी अमेरिकी सेना की वर्दी पहने नजर आ रहे है.

Taliban wear American uniform to capture Panjshir
पंजशीर पर कब्जा करने के लिए तालिबानियों ने पहनी अमेरिकी वर्दी

By

Published : Aug 22, 2021, 7:56 PM IST

हैदराबाद। अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव ने शनिवार को कहा कि तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के एक वरिष्ठ सदस्य ने रूस से कहा है कि वह 'पंजशीर वैली' में स्थिति सामान्य करने के लिए तालिबान को एक राजनीतिक समझौते की उम्मीद है. वहीं तालिबानी पंजशीर पर कब्जा करने हर पेतरा आजमा रहा है. एक वीडियो में तालिबानी अमेरिकी सेना की वर्दी पहने नजर आ रहे है.

झिरनोव ने कहा कि तालिबान ने दावा किया है कि वह पंजशीर में खून खराबा नहीं चाहता. हालांकि इस इलाके को कभी न सोवियत संघ की सेना जीत सकी और न ही अफगानिस्तान की सेना. आज भी यहां तालिबान का कब्जा नहीं है. राजधानी काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर वैली 'नॉर्दर्न अलायंस' के कब्जे में है और केवल यही क्षेत्र तालिबान से मुक्त है.

'नॉर्दर्न अलायंस' ने वर्ष 2001 में अमेरिकी सेनाओं के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ा था. रूस ने अफगानिस्तान में 10 साल तक युद्ध लड़ा था जिसके बाद 1989 में सोवियत सेनाओं की इस क्षेत्र में वापसी हुई थी. पिछले कुछ सालों में रूस ने कूटनीतिक रूप से वापसी की है और तालिबान समेत कई अफगान गुटों के बीच मध्यस्थ बनकर उभरा है.

तालिबान को पंजशीर में राजनीतिक समझौते की उम्मीद: रूसी राजदूत ने कहा

गुरुवार को ट्विटर ने अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह का आधिकारिक ट्विटर हैंडल सस्पेंड कर दिया. सालेह उन अफगान नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने तालिबान को खुलेआम चुनौती दी है.

पंजशीर के शेर कहलाते है अमरुल्ला सालेह

जब काबुल पर तालिबान का कब्जा हुआ तो अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए. उनके मंत्रिमंडल के साथी भी भूमिगत हो गए. कई नेताओं ने तजाकिस्तान में शरण ली. जब दुनिया यह मानने लगी कि अशरफ गनी और उनके साथियों ने तालिबान के सामने घुटने टेक दिए हैं, तब 'पंजशीर के शेर' अमरुल्ला सालेह ने ट्विटर पर दहाड़ लगाई. अफगानिस्तान के 48 वर्षीय उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (amrullah saleh) ने खुद को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर तालिबान को खुली चुनौती दी.

जानिए शेर-ए-पंजशीर अमरुल्ला सालेह के बारे में, जिसने तालिबान को खुली चुनौती दी है

अमरुल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि चूंकि राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं और उनका ठिकाना अज्ञात है, इसलिए वह अब देश के 'वैध' कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. इसके साथ उन्होंने बायो में अपना स्टेटस एक्टिंग प्रेसिडेंट (Acting President - Islamic Republic of Afghanistan) शामिल कर लिया. अमरुल्ला सालेह तालिबान की काबुल में एंट्री के बाद अहमद मसूद और रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी के साथ पंजशीर चले गए थे. अहमद मसूद पंजशीर के सबसे शक्तिशाली नेता अहमद शाह मसूद के बेटे हैं.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details