भोपाल।गणतंत्र दिवस (republic day parade bhopal) पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में कई राज्यों को मायूसी हाथ लगी है. इस फेहरिस्त में मप्र को भी झटका लगा है. मप्र आदिवासियों की आत्मनिर्भरता की थीम पर प्रस्तुत होने वाली झांकी इस बार नहीं दिखेगी. केंद्र सरकार की गठित विशेषज्ञ समिति ने झांकी को खारिज कर दिया है.
तीन साल से शामिल नहीं हुई एमपी की झांकी
मप्र की झांकी (mp tableau in delhi) पिछले तीन साल से राजपथ पर होने वाली परेड में शामिल नहीं हो सकी है. इसकी वजह मप्र के विभाग हैं. जिनको झांकी की जिम्मेदारी सौंपी गई. झांकी का निर्माण देखने वाली संस्था माध्यम अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा पाई.
थीम भेजा पर मॉडल नहीं
इस बार आदिवासियों की आत्मनिर्भरता का कांसेप्ट (mp tableau rejected) लेकर झांकी की थीम को भेजा गया. इसे रक्षा मंत्रालय विभाग ने स्वीकार किया, लेकिन बाद में प्रदेश सरकार मॉडल नहीं भेज पायी. जिसके चलते मप्र की झांकी को कैंसिल कर दिया गया. यही नहीं रिजेक्ट हो जाने के बाद मीडिया के अधिकारियों ने भी केंद्र से इस पर फॉलोअप नहीं लिया.
रक्षा मंत्रालय ने किया रिजेक्ट
रक्षा मंत्रालय की ओर से हर वर्ष देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकी निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं. इसमें राज्यों को प्रस्ताव में थीम के अलावा झांकी का स्केच या डिजाइन भेजना होता है. इसे उच्च स्तरीय कमेटी निरीक्षण करने के बाद झांकी निर्माण किए जाने पर सहमति देती है.
मीडिया विभाग की बड़ी लापरवाही
सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों को रिझाने के लिए आदिवासियों की आत्मनिर्भर थीम पर झांकी तैयार कर रही थी. सरकार आत्मनिर्भर आदिवासी पर झांकी पेश करने वाली थी, लेकिन अधूरी तैयारी के चलते रक्षा मंत्रालय की तरफ से इसे रिजेक्ट कर दिया गया. अब क्योंकि केंद्र में भी बीजेपी सरकार है, लिहाजा मध्य प्रदेश सरकार किसी तरह का विरोध नहीं कर सकी.