भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के आधिकारिक आंकड़े और श्मशान घाट व कब्रिस्तान के आंकड़ों में मौत की संख्या में काफी बड़ा अंतर बताया जा रहा है. मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि भोपाल में अब तक 94 लोगों की जान कोरोना संक्रमण से गई है, लेकिन विश्राम घाट और कब्रिस्तान के रिकॉर्ड से पता चला है कि 29 जून तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 176 थी.
भोपाल में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को लेकर संशय भदभदा विश्राम घाट पर 82, सुभाष नगर विश्राम घाट पर 8, छोला विश्राम घाट पर एक और जहांगीराबाद झदा कब्रिस्तान पर 85 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. इन सभी की संख्याओं को अगर जोड़ा जाए तो अब तक 176 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान दे चुके हैं. यह आंकड़ा 29 जून तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े से 2 गुना है.
उधर, सरकार ने विश्राम घाट और कब्रिस्तान की कमेटियों से वादा किया था कि प्रत्येक शव के अंतिम संस्कार के लिए शासन द्वारा पांच-पांच हजार रुपए दिए जाएंगे, अब उस वादे का पालन भी नहीं किया जा रहा है. भदभदा विश्राम घाट समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि कोविड-19 बीमारी से मरे हुए लोगों के शवों के लिए अलग 3 शेड बनाए गये थे, उनके आने-जाने का अलग से रास्ता बनाया गया था.
मुख्य रास्ते से नियमित शव आ रहे थे और कोविड-19 के नए बनाए गए मार्ग से जो प्रशासन के वाहनों द्वारा लाए जाते थे, उन्हीं शवों का अलग से रिकॉर्ड है. उधर, झदा कब्रस्तान के सदर रेहान गोल्डन ने बताया कि अधिकारी कह रहे हैं कि इतने शव नहीं आए, हमारा यह कहना है कि इन्हें कोरोना संक्रमण था या नहीं यह हम नहीं तय कर सकते, यह डॉक्टर तय करेंगे.
कुल मिलाकर भोपाल में कोविड-19 से हुई मौतों के डाटा में बहुत विसंगतियां हैं, विश्राम घाट और कब्रिस्तान के रिकॉर्ड कुछ और कह रहे हैं और सरकार कुछ और बता रही है. दोनों के आंकड़े बेमेल हैं, प्रशासन को चाहिए कि जांच करे और सही आंकड़े सत्यापित करे.