मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ड्रोन कैमरे की मदद से सीमांकन की तैयारी, छिंदवाड़ा से होगी शुरुआत - drone cameras

आबादी भूमि का सर्वे, सीमांकन और अन्य भू संबंधी काम अब ड्रोन कैमरे की मदद से करेगा. इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया से कन्टीन्यूसली ऑपरेटिंग रिफिरेंस स्टेशन (कोर्स) पद्धति लागू करने हेतु एमओयू साइन किए गए हैं.

drone cameras
अब प्रदेश का सीमांकन ड्रोन तकनीक से

By

Published : Feb 7, 2020, 7:39 AM IST

Updated : Feb 7, 2020, 10:16 AM IST

भोपाल। प्रदेश सरकार अब मध्य प्रदेश का नक्शा ड्रोन तकनीक से बनाने जा रही है. साथ ही आबादी भूमि का भी सर्वे ड्रोन से किया जाएगा. यह तकनीक 12 महीने लागू रहेगी, जिसके तहत प्रदेश का सीमांकन काफी अच्छे ढंग से किया जा सकेगा और इसकी शुरुआत छिंदवाड़ा से की जाएगी.

प्रदेश के 55 हजार गांव की आबादी भूमि के सर्वे और सीमांकन के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र की सर्वे ऑफ इंडिया के साथ गुरुवार को देर शाम मंत्रालय में करार किया है इसके तहत नक्शे बनाने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा इससे सीमांकन के विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी का नक्शा भी तैयार किया जा सकेगा.

अब प्रदेश का सीमांकन ड्रोन तकनीक से
इसमें पिक्चर क्वालिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि सीमांकन करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए. राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मौजूदगी में राजस्व विभाग ने केंद्र सरकार के सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन किया है. इसके अलावा एमपी ऑनलाइन के साथ काम करेगा, क्योंकि इसके केंद्र पूरे प्रदेश में फैले हुए हैं जिसकी वजह से इस काम में एमपी ऑनलाइन से काफी मदद मिलेगी.
सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन
उन्होंने कहा कि लोगों के पास भूमि स्वामित्व संबंधी दस्तावेज, आबादी क्षेत्र का नक्शा और अधिकार अभिलेख मौजूद नहीं रहते हैं. इसकी वजह से अवैध निर्माण, बिक्री सीमांकन के विवाद और अतिक्रमण जैसी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है, इसलिए राजस्व विभाग अत्याधुनिक कोर्स पद्धति की शुरूआत करने जा रहा है.
Last Updated : Feb 7, 2020, 10:16 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details