ड्रोन कैमरे की मदद से सीमांकन की तैयारी, छिंदवाड़ा से होगी शुरुआत
आबादी भूमि का सर्वे, सीमांकन और अन्य भू संबंधी काम अब ड्रोन कैमरे की मदद से करेगा. इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया से कन्टीन्यूसली ऑपरेटिंग रिफिरेंस स्टेशन (कोर्स) पद्धति लागू करने हेतु एमओयू साइन किए गए हैं.
भोपाल। प्रदेश सरकार अब मध्य प्रदेश का नक्शा ड्रोन तकनीक से बनाने जा रही है. साथ ही आबादी भूमि का भी सर्वे ड्रोन से किया जाएगा. यह तकनीक 12 महीने लागू रहेगी, जिसके तहत प्रदेश का सीमांकन काफी अच्छे ढंग से किया जा सकेगा और इसकी शुरुआत छिंदवाड़ा से की जाएगी.
प्रदेश के 55 हजार गांव की आबादी भूमि के सर्वे और सीमांकन के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र की सर्वे ऑफ इंडिया के साथ गुरुवार को देर शाम मंत्रालय में करार किया है इसके तहत नक्शे बनाने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा इससे सीमांकन के विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी का नक्शा भी तैयार किया जा सकेगा.