भोपाल।आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए आयोजित वेबिनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और नीति आयोग के अमिता कांत और दूसरे विशेषज्ञों ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण सुझाव दिए. वेबिनार में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में नेशनल लॉजिस्टिक हब', 'बफर में सफर', 'नर्मदा टूरिज्म', 'एयर कार्गो', 'फ्यूचरस्टिक इंडस्ट्री', 'टाइगर रिजर्व एडॉप्टेशन' 'रॉउण्ड टेबल कॉन्फ्रेंस' होना चाहिए.
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के भौतिक अधोसंरचना के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का हमने 3 वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है. वेबिनार में आने वाले सुझावों को जल्द से जल्द अमल में लाया जाएगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए प्रदेश को 'ग्लोबल वैल्यू चेन' एवं 'ग्लोबल सप्लाई चेन' से जोड़ना होगा. मध्यप्रदेश में 'एयर कार्गों' सेवाओं का विस्तार करना होगा. मध्यप्रदेश को नेशनल लॉजिस्टिक हब बनाने की अत्यधिक संभावनाएं हैं. इसके आंतरिक व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश ने कहा कि मध्यप्रदेश में टूरिज्म एवं टाइगर सफारी को बढ़ावा देना होगा. प्रदेश के टाइगर रिजर्व को एडॉप्ट करना यहां के टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक होगा. प्रदेश में जिलेवार विकास का मॉडल बनाना होगा और वहां की विशेषताओं के क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा.
वेबिनार में मिले महत्वपूर्ण सुझाव
- 'चंबल प्रोग्रेस-वे' और 'नर्मदा एक्सप्रेस-वे' को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए पोर्टल विकसित किया जाए.
- ई- उद्योग और व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाईपॉवर कमेटी गठित की जाए
- सभी शहरी बायपास और रिंग रोड स्ववित्त पोषित परियोजना के रूप में लिए जाए.
- परिवहन से संबंधित कर प्रणाली को सरल, स्पष्ट व सुविधाजनक बनाया जाएगा.
- ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए.
- ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए.
- नागरिक सुविधाओं की सरल व समय-सीमा में डिलेवरी के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार किया जाए.
- फल और सब्जियों के परिवहन के लिए व्यवहारिक लॉजिस्टिक समाधान दिए जाएं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो.
- 2024 तक प्रदेश का हर घर नल-जल से जुड़े
- कौशल विकास के लिए 50 हजार प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन को प्रशिक्षण की व्यवस्था. - शहरी क्षेत्रों में तीन लाख EWS आवास तैयार किए जाने की योजना.
- सभी शहरी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और इसकी रीसाईकिलिंग का लक्ष्य.
- नगरीय क्षेत्रों में ई-व्हीकल चार्जिंग के लिए अधोसंरचना निर्माण की योजना.
- प्रदेश में क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा.